नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट टीम के ओपनर बल्लेबाज गौतम गंभीर का दिल्ली क्रिकेट टीम के कोच केपी भास्कर के साथ आपसी विवाद को लेकर सफाई दी है. गंभीर का कहना है कि युवा खिलाड़िया का पक्ष लेना अपराध है तो मैं दोषी हूं.
गौतम गंभीर ने एक साक्षात्कार में कहा कि अगर युवा खिलाड़ियों का बचाव करना अपराध है तो मैं दोषी हूं. उनका कहना है कि भास्कर अगर उन्मुक्त चंद और नितीश राणा जैसे युवा खिलाड़ियों के करियर से खेलता रहे और मैं चुप बैठा रहूं ऐसा नहीं हो सकता. अगर 20-22 साल के खिलाड़ियों को सुरक्षा का अहसास दिलाना अपराध है तो मैं दोषी हूं.
आरोपों का खंडन
गौतम गंभीर पर आरोप है कि उन्होंने केपी भास्कर के साथ गाली गलौच की. हालांकि गंभीर ने अभद्र भाषा के इस्तेमाल या गाली गलौच की बात का खंडन किया है. लेकिन उन्होंने कोच के साथ बहस होने की बात स्वीकार की है.
कोई विकल्प नहीं बचा
गंभीर का कहना है कि दिल्ली के मुख्य कोच केपी भास्कर ने प्रतिभाशाली युवा खिलाड़ियों में असुरक्षा की भावना इस कदर भर रखी है कि उनके पास उनसे कुछ कड़े सवाल पूछने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा था.
बता दें कि उत्तर प्रदेश के खिलाफ खेले गए विजय हजारे ट्रॉफी मैच के बाद ड्रेसिंग रूम में दिल्ली के कप्तान गौतम गंभीर अपने कोच केपी भास्कर से भिड़ गए थे. खबर है कि उन्होंने इस दौरान अभद्र भाषा के साथ धमकाने वाले अंदाज में उनसे बात की. भास्कर इस घटना से इतने आहत हैं कि उन्होंने DDCA और BCCI से इस घटना की जांच की मांग की है.