बैडमिंटन के इस टूर्नामेंट का मुख्य आकर्षण होंगी ये तीन धाकड़ गर्ल

दो साल पहले ऑल इंग्लैंड बैडमिंटन टूर्नामेंट के फाइनल में स्पेन की कैरोलिना मारिन ने सायना नेहवाल को हराया था. वही कैरोलिना रियो ओलिम्पिक के फाइनल में पीवी सिंधू के लिए बड़ी बाधा साबित हुई.

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बैडमिंटन के इस टूर्नामेंट का मुख्य आकर्षण होंगी ये तीन धाकड़ गर्ल

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  • March 6, 2017 2:46 pm Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
नई दिल्ली: दो साल पहले ऑल इंग्लैंड बैडमिंटन टूर्नामेंट के फाइनल में स्पेन की कैरोलिना मारिन ने सायना नेहवाल को हराया था. वही कैरोलिना रियो ओलिम्पिक के फाइनल में पीवी सिंधू के लिए बड़ी बाधा साबित हुई. अब तीनों खिलाड़ी एक बार फिर ऑल इंग्लैंड बैडमिंटन में टूर्नामेंट के मुख्य आकर्षण होंगे और दुनिया के किसी भी बड़े टूर्नामेंट से पहले इस बार भी ये तीनों खिलाड़ी सुर्खियों में आ गए हैं.
 
गुरु बदला, क्या किस्मत बदलेगी ?
कभी सायना और सिंधू एक ही गुरु की शिष्य थीं लेकिन आज दोनों के गुरु अलग-अलग हैं. सिंधू हैदराबाद में पी. गोपीचंद की एकेडमी में प्रैक्टिस करती हैं जबकि सिंधू बैंगलुरु की प्रकाश पादूकोण एकेडमी के डायरेक्टर विमल कुमार की कोचिंग में अपने खेल को फिर से ऊंचाइयां देने में जुटी हुई हैं.
 
फर्क केवल इतना है कि सायना घुटने की इंजरी से हाल में उबरी हैं जिससे उनकी तैयारियां प्रभावित हुई है जबकि सिंधू ने रियो मे सिल्वर मेडल जीतने के बाद चाइना ओपन का खिताब जीता और हांगकांग सुपर सीरीज़ के वह फाइनल में पहुंचीं और वर्ष की समाप्ति  उन्होंने सुपर सीरीज़ के सेमीफाइनल में पहुंचने के साथ की. 
 
 
कमज़ोरियों को किया दूर
यही सिंधु कभी सायना के सामने टिक नहीं पाती थीं लेकिन आज वह अपने अच्छे खेल और फिटनेस के दम पर सायना पर भारी पड़ती हैं. इस बात को उन्होंने बीपीएल में पिछले दिनों सीरीफोर्ट में खेले गए एक मैच में सायना को हराकर सही साबित कर दिखाया. दरअसल जिन क्षेत्रों में सिंधु सायना के मुक़ाबले कमज़ोर थी, उन कमज़ोरियों पर उन्होंने खास ध्यान दिया है. 
 
खासकर नेट पर वह सायना के मुक़ाबले उतनी प्रभावशाली नहीं थी, लेकिन अब उन्होंने इस दिशा में काफी सुधार किया है. सायना के मुक़ाबले छह इंच ऊंची होने से उनकी शटल पर पहुंच भी काफी अच्छी है. उनके दनदनाते क्रॉस कोर्ट शॉट उन्हें दुनिया की किसी भी खिलाड़ी से अलग साबित करते हैं. उनके मुकाबले सायना की खूबी उनका धैर्य था जो लम्बी रैलियों में उनके काम आता था. वह विपक्षी को ग़लतियां करने के लिए मज़बूर करती थीं.
 
फर्श से अर्श तक
वहीं कैरोलिना मारिन की क़ामयाबी को देखते हुए कहा जा सकता है कि उन्होंने पिछले दो वर्षों में अपने खेल को फर्श से अर्श तक पहुंचाया है. यही कैरोलिना जब चार साल पहले बांगा बीट्स की ओर से इंडियन बैडमिंटन लीग में चुनी गई थीं तो उन्होंने अपने उन दिनों के बारे में हमारे सहयोगी सुनील कालरा को बताया था कि तब सायना नेहवाल का ऑटोग्राफ और उनके साथ सेल्फी लेना उनके लिए यादगार घटनाएं थीं. 
 
मगर आगे चलकर इसी सेल्फी गर्ल ने अपने ऑलराउंड खेल से सायना के लिए मुश्किलें खड़ी कर दीं. बेशक वह पिछले वर्षों में सायना से भी हारी हैं और सिंधू से भी लेकिन एक बड़ा सच यह है कि विश्व चैम्पियनशिप और ऑल इंग्लैंड जैसे आला दर्जे के टूर्नामेंटों में वह इन दोनों पर भारी पड़ी हैं. ओलिम्पिक चैम्पियन होने के साथ-साथ वर्ल्ड चैम्पियनशिप और यूरोपीय चैम्पियनशिप के दो-दो गोल्ड और ऑल इंग्लैंड सहित कुल 20 खिताब अपने नाम करना उनकी क़ामयाबी को बयां करने के लिए काफी हैं. 
 
दिलचस्प ड्रॉ
इस बार ड्रॉ के मुताबिक सब कुछ उम्मीद के मुताबिक चलता रहा तो सेमीफाइनल में सायना और सिंधू का मुक़ाबला देखने को मिल सकता है और उस स्थिति में कैरोलिना इनकी फाइनल मे सम्भावित प्रतिद्वंद्वी हो सकती हैं. 

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