बेंगलुरु: ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच खेले जा रहे दूसरे टेस्ट मैच के तीसरे दिन टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया को पहली पारी में 276 रनों पर ही समेट दिया. तीसरे दिन के खेल खत्म होने तक दूसरी पारी में टीम इंडिया ने 4 विकेट खोकर 213 रन बना लिए हैं. इसके साथ भारतीय टीम ने 126 रनों की बढ़त भी बना ली है.
बेंदलुरु टेस्ट की दूसरी पारी में कप्तान विराट कोहली का बल्ला एक बार फिर नहीं चला और वो 15 रनों पर ही चलते बने. कोहली के विकेट के साथ DRS पर एक बार फिर विवाद खड़ा हो गया है. दरअसल, हेजलवुड की एक गेंद जब विराट के बैट और पैड से टकराई तो फील्ड अंपायर ने उन्हें आउट दे दिया. जिसे चैलेंज करते हुए विराट कोहली ने DRS का सहारा लिया.
पहले बल्ले से टकराई गेंद
टीवी रिप्ले में साफ था कि विराट कोहली के बल्ले से टकराने के बाद गेंद पैड पर लगी लेकिन इसके बावजूद आईसीसी के नियमों में खामी की वजह से विराट को आउट दे दिया गया. जिस वक्त विराट आउट हुए उस समय वो 15 रन बनाकर क्रीज पर जम चुके थे. टीवी अंपायर रिचर्ड केटलबर्ग ने कई एंगल से विराट के आउट होने का रिप्ले देखा.
फील्ड अंपायर का फैसला अंतिम
रिपोर्ट्स के मुताबिक थर्ड अंपायर ये समझ नहीं पा रहे थे कि आखिर गेंद पहले बल्ले पर लगी या फिर पैड पर. क्रिकेट के पुराने नियमों के मुताबिक ऐसे हालातों में हमेशा बेनफिट ऑफ डाउट बल्लेबाज को मिलता है लेकिन DRS में ऐसे हालात में फील्ड अंपायर का फैसला अंतिम होता है. जिस वजह से विराट को पवेलियन लौटना पड़ा.
बल्लेबाज को मिलना चाहिए बेनफिट ऑफ डाउट
भारत के पूर्व क्रिकेटर सबा करीम भी ये मानते हैं कि बेनफिट ऑफ डाउट हमेशा बल्लेबाज को मिलना चाहिए लेकिन DRS के साथ ऐसा नहीं है और यही इस सिस्टम की सबसे बड़ी खामी है. पैवेलियन लौटते हुए विराट बार-बार इशारों में ये साफ कर रहे थे कि गेंद ने पहले उनके बल्ले को ही छूआ है. यहां तक कि पवेलियन लौटने के बाद भी विराट अंपायर के इस फैसले पर अपना गुस्सा बार-बार जाहिर करते दिखाई दिए.