नई दिल्ली : लोकेश राहुल को वीरेंद्र सहवाग बनना होगा. विराट कोहली को सचिन तेंदुलकर जैसे मुश्किलों से लड़ना होगा. अजिंक्य रहाणे को युवराज जैसा जुझारुपन दिखाना होगा. तब ही होगा वो काम, जो 9 साल पहले इसी जर्सी को पहनकर ऐसी ही हालातों में इस टीम ने किया है.
यहां बात हो रही है 2008 के चेन्नई टेस्ट की. जब टीम इंडिया ने 387 रन का लक्ष्य हासिल किया था. जबकि 1976 में टीम इंडिया ने वेस्टइंडीज के खिलाफ पोर्ट ऑफ स्पेन टेस्ट में 406 रन बनाकर मैच जीता था.
इस बार भी हालत चेन्नई और पोर्ट ऑफ स्पेन जैसे ही, ये टीम युवा है, इसमें ऐसा करने दम भी है. सामने कम से साढ़े तीन सौ रन का पहाड़ तो होगा ही. एवरेस्ट पर चढ़ना मुश्किल है, लेकिन नामुम्किन तो नहीं. पुणे में ये जीत कैसे हासिल होगी ये जानने के लिए देखिए इंडिया न्यूज का खास शो ‘रनयुद्ध’. वीडियो में देखें पूरा शो.