खेलों ने बनाया `दुश्मन` को दोस्त

देश में अलग-अलग खेलों की लीग संस्कृति ने खिलाड़ियों को दुश्मन से दोस्त बना दिया है. जिन विराट कोहली और एबी डिविलियर्स के बीच कभी आईसीसी की टॉप रैंकिंग को लेकर ज़बर्दस्त होड़ थी, वह दोनों आज आईपीएल की एक टीम में हैं.

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खेलों ने बनाया `दुश्मन` को दोस्त

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  • February 24, 2017 3:42 pm Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
नई दिल्ली: देश में अलग-अलग खेलों की लीग संस्कृति ने खिलाड़ियों को दुश्मन से दोस्त बना दिया है. जिन विराट कोहली और एबी डिविलियर्स के बीच कभी आईसीसी की टॉप रैंकिंग को लेकर ज़बर्दस्त होड़ थी, वह दोनों आज आईपीएल की एक टीम में हैं.
 
यही स्थिति हॉकी, कुश्ती, बैडमिंटन और टेनिस आदि खेलों में भी देखने को मिल रही है. ताज़ातरीन मामला टेनिस में देखने को मिला है. जी हां, अब रोज़र फेडरर अपने परम्परागत प्रतिद्वंद्वी रफायल नडाल के साथ डबल्स में बतौर पार्टनर खेलना चाहते हैं.
 
हालांकि रफायल नडाल की ओर से अभी इस बारे में कोई जवाब नहीं आया है लेकिन फेडरर ने इस साल होने वाले रॉड लेवर कप में नडाल के साथ खेलने की इच्छा ज़ाहिर की है. इस साल सितम्बर में ब्योन बोर्ग की अगुवाई वाली यूरोपीय टीम और जॉन मैकेनरो की अगुवाई वाली शेष विश्व की टीम के बीच होने वाले मुक़ाबले के अनावरण के मौके पर फेडरर ने यह बात कही.
 
पिछले दिनों फेडरर और नडाल के बीच ऑस्ट्रेलियाई ओपन का फाइनल सिंगल्स मुक़ाबला पांच सेट चला था जिसमें फेडरर ने ओल्ड इज़ गोल्ड की बात को सही साबित कर दिखाया था. फेडरर तो यहां तक कहते हैं कि नडाल का पार्टनर बनकर उनके तेज़तर्रार फोरहैंड शॉट्स से उन्हें निजात मिल जाएगी. 
 
हाल के वर्षों में खेलों ने परम्परागत प्रतिद्वंद्वियों को करीब लाने का काम किया है. लिएंडर पेस और महेश भूपति तमाम मतभेदों के बावजूद देश की खातिर एक साथ खेले. भारत और पाकिस्तान की दुश्मनी को अनेक मंचों पर भुनाया जाता रहा लेकिन रोहन बोपन्ना और अहमाम-उल-हक़ कुरैशी ने जोड़ी बनाकर दोनों मुल्कों के खेल प्रेमियों को एक साथ ताली बजाने के लिए मज़बूर कर दिया.
 
 
इसी तरह कुश्ती में कभी स्वीडन की स्टार पहलवान सोफिया मैटसन ट्यूनीशिया की मारवा आमरी को इसलिए अपना दुश्मन मानती थी क्योंकि मारवा उनकी बहन योहाना मैटसन पर हमेशा भारी पड़ती थी. इसी लीग में गीता और बबीता के लिए यूपी-जयपुर मुक़ाबले में उस वक्त धर्म संकट की स्थिति पैदा हो गई थी, जब रितु फोगट का मुक़ाबला एलित्सा यानकोवा से हुआ.
 
यानकोवा गीता-बबीता की टीम में थीं जबकि रितु फोगट उनकी प्रतिद्वंद्वी टीम में थी और एलित्सा के जीतते ही गीता-बबीता को जश्न मनाते देखा गया. लीग कल्चर में मैदान पर कोई भाई-बहन नहीं, कोई गुरु चेला नहीं. तभी तो बबीता और संगीता के मुक़ाबले की टीआरपी एक नए रिकॉर्ड पर पहुंच गई. इसी तरह सीज़न-1 में योगेश्वर-बजरंग के मुक़ाबला भी खासा सुर्खियों में रहा. 
 
हॉकी इंडिया लीग में यह देखना कितना अच्छा लगता है जब कालिंगा लॉयन्स के मिडफील्डर एस. के. उथप्पा ऑस्ट्रेलियाई फॉरवर्ड ग्लेन टरनर को पास देते हैं या फिर पंजाब वॉरियर्स के जेमी डायर और एसवी सुनील एक दूसरे को रिटर्न पास देते हुए विपक्षी गोल की ओर बढ़ते दिखाई देते हैं. ज़ाहिर है कि खेल एक दूसरे को करीब लाए हैं. 

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