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मिक्स्ड जेंडर इवेंट को लेकर खिलाड़ियों में असमंजस की स्थिति

बुधवार से शुरू हो रही आईएसएसएफ वर्ल्ड कप निशानेबाज़ी में इस बार एक ऐसी मिक्स्ड जेंडर इवेंट को शामिल किया गया है, जिसे टोक्यो में होने वाले अगले ओलिम्पिक में शामिल किया जा सकता है.

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  • February 24, 2017 3:25 pm Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
नई दिल्ली :  बुधवार से शुरू हो रही आईएसएसएफ वर्ल्ड कप निशानेबाज़ी में इस बार एक ऐसी मिक्स्ड जेंडर इवेंट को शामिल किया गया है, जिसे टोक्यो में होने वाले अगले ओलिम्पिक में शामिल किया जा सकता है.
 
इंटरनैशनल शूटिंग स्पोर्ट्स फेडरेशन की तदर्थ समिति ने इस इवेंट को 2020 के टोक्यो ओलिम्पिक में शामिल करने की सिफारिश की है. खिलाड़ियों को शिकायत है कि उन्हें नई इवेंट के नियमों के बारे में कोई जानकारी मुहैया नहीं कराई गई है. यहां तक कि उनके पार्टनर के बारे में उन्हें जानकारी कम से कम सप्ताह भर पहले दी जानी चाहिए थी.  
 
इस मिक्स्ड जेंडर इवेंट को 50 मीटर राइफल प्रोन, 50 मीटर पिस्टल इवेंट और पुरुषों की डबल ट्रैप इवेंट की जगह शामिल किया गया है जिसमें मिक्स्ड जेंडर डबल ट्रैप टीम इवेंट, 10 मीटर एयर राइफल और इतनी ही दूरी की एयर पिस्टल इवेंट होंगी. बेशक इस इवेंट से कोई ओलिम्पिक कोटा तय नहीं होगा लेकिन इसके बावजूद खिलाड़ियों के बीच यह सबसे अधिक चर्चा का विषय है.
 
 
आईएसएसएफ की तदर्थ समिति ने पिछले साल यूरोपीय चैम्पियनशिप में इस नई इवेंट को मिले ज़बर्दस्त रिस्पॉन्स से प्रभावित होकर ही इसकी सिफारिश ओलिम्पिक के लिए की है और उसकी नज़र खास तौर पर इस वर्ल्ड कप में इस स्पर्धा पर होगी. इसके अलावा यूथ ओलिम्पिक में दस मीटर एयर मिक्स्ड इवेंट को मिली क़ामयाबी ने भी पैनल को इस इवेंट के लिए प्रेरित किया है.  
 
पिस्टल शूटर हीना सिद्धू से लेकर तमाम सभी निशानेबाज़ इस मिक्स्ड जेंडर इवेंट को इस वर्ल्ड कप में शामिल किए जाने को लेकर बेहद रोमांचित हैं लेकिन उन्हें इसके एवज में कुछ स्पर्धाओं के हटने का अफसोस भी है. उन्होंने कहा कि यह एक रोचक इवेंट है जिसमें एक आम आदमी की रुचि रहेगी.
 
हीना भारत की पहली ऐसी पिस्टल शूटर हैं जिन्हें एक समय इंटरनैशनल शूटिंग स्पोर्ट्स फेडरेशन ने नम्बर एक रैंकिंग दी थी. आईएसएसएफ वर्ल्ड कप में देश को पिस्टल इवेंट में पहला गोल्ड दिलाने वाली हीना ने मिक्स्ड जेंडर इवेंट में उतरने की तैयारी कर ली है.
 
यहां तक कि यह इवेंट इन दिनों कर्णी सिंह रेंज में सबसे अधिक चर्चा का विषय है. निशानेबाज़ों को नैशनल राइफल एसोसिएशन से इस बात की शिकायत है कि उसने उन्हें इस नई इवेंट के बारे में विस्तार से कोई तकनीकी जानकारी नहीं दी. जीतू राय और गगन नारंग मानते हैं कि नई इवेंट दर्शकों के रोमांच को ध्यान में रखते हुए शुरू की गई है.
 
बाकी इसका कुछ खास फायदा होता नज़र नहीं आ रहा. इस समय ओलिम्पिक में पुरुषों की नौ और महिलाओं की आठ इवेंट्स को शामिल किया गया है. इंटरनैशनल शूटिंग स्पोर्ट्स फेडरेशन चाहती है कि ओलिम्पिक में पुरुषों और महिलाओं की एक समान स्पर्धाएं शामिल की जाएं.
 
इसे इसी दिशा में उठाया गया एक कदम बताया जा रहा है. ओलिम्पिक चैम्पियन अभिनव बिंद्रा की अगुवाई में बने आईएसएसएफ पैनल ने इस इवेंट की जमकर पैरवी की है इसलिए कोई इसके खिलाफ नहीं बोल रहा लेकिन  ज़्यादातर खिलाड़ियों में इस इवेंट को लेकर असमंजस की स्थिति है. 

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