राज्यवर्धन सिंह राठौर की डबल ट्रैप सहित कुल तीन इवेंट्स ओलिम्पिक से हटाई गईं

जिस इवेंट में राज्यवर्धन सिंह राठौर ने एथेंस ओलिम्पिक में रजत पदक हासिल किया था, उस इवेंट को टोक्यो में होने वाले अगले ओलिम्पिक खेलों से हटा दिया गया है.

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राज्यवर्धन सिंह राठौर की डबल ट्रैप सहित कुल तीन इवेंट्स ओलिम्पिक से हटाई गईं

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  • February 24, 2017 3:20 pm Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
नई दिल्ली (प्रो स्पोर्टीफाई) :  जिस इवेंट में राज्यवर्धन सिंह राठौर ने एथेंस ओलिम्पिक में रजत पदक हासिल किया था, उस इवेंट को टोक्यो में होने वाले अगले ओलिम्पिक खेलों से हटा दिया गया है. यह पुरुषों की डबल ट्रैप इवेंट थी. अब इसकी जगह मिक्स्ड जेंडर ट्रैप इवेंट को ओलिम्पिक में शामिल करने के लिए भेजा गया है. इस बारे में अंतिम फैसला अंतरराष्ट्रीय ओलिम्पिक कमिटी को करना है.
 
डबल ट्रैप के अलावा 50 मीटर राइफल प्रोन इवेंट और इतनी ही दूरी की पिस्टल इवेंट को भी अगले ओलिम्पिक से हटाने का फैसला किया गया है. इनमें 50 मीटर राइफल प्रोन की जगह दस मीटर एयर राइफल मिक्स्ड इवेंट और 50 मीटर पिस्टल इवेंट की जगह दस मीटर एयर पिस्टल मिक्स्ड इवेंट को शामिल किया गया है.
 
 
इंटरनैशनल शूटिंग स्पोर्ट्स फेडरेशन (आईएसएसएफ) की कार्यकारी समिति और प्रशासनिक काउंसिल ने संयुक्त रूप से इस फैसले पर मोहर लगाई. आईएसएसएफ के महासचिव फ्रेंज श्राइवर और नैशनल राइफल एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष रणइंदर सिंह ने इस बात की पुष्टि करते हुए बताया कि ओलिम्पिक खेलों में पुरुषों और महिलाओं की इवेंट्स की संख्या में समानता लाने के मद्देनज़र यह कदम उठाया गया है.
  
हटाई गई तीनों इवेंट्स आईएसएसएफ वर्ल्ड कप सीरीज़ से भी बाहर कर दी गई हैं लेकिन ये चार साल में होने वाली वर्ल्ड चैम्पियशिप, महाद्वीपीय चैम्पियनशिप और कॉमनवेल्थ गेम्स का हिस्सा बनी रहेंगी. इन तीनों इवेंट्स में भारत के कई युवा खिलाड़ी शानदार प्रदर्शन कर रहे थे. इन इवेंट्स के हटने से अब उन्हें नए सिरे से अपनी तैयारियों को अंजाम देना होगा और नई इवेंट्स को चुनना होगा.
 
लंदन ओलिम्पिक के कांस्य पदक विजेता गगन नारंग, पूर्व वर्ल्ड नम्बर वन पिस्टल शूटर जीतू राय, वर्ल्ड कप के पदक विजेता पीएन प्रकाश, कॉमनवेल्थ गेम्स के पदक विजेता ओमकार सिंह और डबल ट्रैप इवेंट के वर्ल्ड कप के पदक विजेता मोहम्मद असब इन इवेंट्स के हटने से सबसे ज़्यादा प्रभावित हुए हैं. ज़्यादातर भारतीय निशानेबाज़ों ने आईएसएसएफ के इस फैसले को बिना सिर पैर का बताया है. इनका कहना है कि रियो ओलिम्पिक में इस बारे में कोई सुगबुगाहट नहीं थी.
 
पिछले साल अगस्त से लेकर अब तक करीब छह महीने में वह अपनी इन इवेंट्स की तैयारियों में जुटे थे. अब चार साल में होने वाली वर्ल्ड चैम्पियनशिप, एशियन गेम्स और कॉमनवेल्थ गेम्स के लिए ही कोई इन इवेंट्स के साथ क्यों जुड़ा रहेगा जबकि ओलिम्पिक इस क्षेत्र में सबसे बड़ा मंच है जिसकी अनदेखी कोई नहीं करेगा.
 

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