नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट में बीसीसीआई प्रशासक नियुक्ति को लेकर मामले में आज सुनवाई की गई. सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केंद्र और BCCI नाम सुझा सकते हैं. लेकिन जिनके नाम सुझाए जाएं उनकी उम्र 70 साल से ज्यादा नहीं होनी चाहिए.
सुप्रीम कोर्ट ने आज भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड से जुड़े मामले की सुनवाई के दौरान यह साफ कर दिया है कि 70 साल से ज्यादा उम्र के प्रशासकों की नियुक्ति नहीं होगी. इसके अलावा कोर्ट ने BCCI से प्रशासकों के लिए सीलबंद लिफाफे में नाम मांगे हैं.
भारत की छवि को नुकसान
इस मामले में अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने प्रशासकों की नियुक्ति का विरोध किया. उन्होंने कहना था कि दो हफ्ते तक प्रशासक नियुक्त नहीं किए जाएं. उनका कहना है कि इससे अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत की छवि को नुकसान पहुंचेगा.
खेलों के लिए एक कानून
वहीं अटॉर्नी के विरोध के बाद सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वे इतने दिन तक कहां थे जब कोर्ट ने बीसीसीआई को लेकर अपना फैसला दिया था और लोढ़ा कमेटी ने अपनी सिफारिशें दी थीं. केंद्र की ओर से अटॉर्नी ने कहा कि वो विचार कर रहे हैं कि सभी खेलों के लिए एक कानून बनाया जाए. इसके अलावा उन्होंने कहा वो ये चाहते हैं कि सब एसोसिएशनों को स्वायत्तता मिले.
सीलबंद लिफाफे में नाम
इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने प्रशासकों की नियुक्ति सोमवार तक टाल दी. वहीं अदालत ने बीसीसीआई से सीलबंद लिफाफे में तीन नाम देने को कहा है जो फरवरी में इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल की बैठक में हिस्सा लेंगे. अब मामले की अगली सुनवाई 30 जनवरी को होगी.
बता दें कि पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने BCCI अध्यक्ष अनुराग ठाकुर और सचिव अजय शिर्के को पद से बर्खास्त कर दिया था.