नई दिल्ली : 1983 में भारत को क्रिकेट का विश्व विजेता बनाने वाले पूर्व भारतीय क्रिकेटर कपिल देव को महान खिलाड़ियों के क्लब
‘हॉल ऑफ फेम’ में शामिल किया गया है. कपिल को मुंबई में
क्रिकेट क्लब ऑफ इंडिया में पूर्व भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर, अजित वाडेकर और नारी कॉन्ट्रेक्टर की मौजूदगी में यह सम्मान दिया गया.
1983 वर्ल्ड कप में टीम इंडिया को विजेता बनाने वाले कपिल देव को देश का श्रेष्ठ ऑलराउंडर माना गया है. इस मौके पर लीजेंड क्लब के अध्यक्ष माधव आप्टे ने कपिल देव को प्रशस्ति पत्र भेंट किया. इसके अलावा टेस्ट क्रिकेट में 10 हजार रन बनाने वाले पहले खिलाड़ी सुनील गावस्कर को अजित वाडेकर ने प्रशस्ति पत्र दिया. उन्हें क्रिकेट में बेस्ट मानते हुए यह सम्मान दिया गया.
खेल के प्रति जुनून
इस उपलब्धि के बाद कपिल देव ने कहा कि कई लोग आएंगे लेकिन सुनील गावस्कर का नाम हमेशा टॉप पर रहेगा. खेल के प्रति हमारा जुनून था जिसके लिए किसी तरह का कोई अवार्ड नहीं चाहिए. आज के समय में क्रिकेट बहुत बदला है और यह अच्छा है.
कोई सिखाने वाला नहीं
अपने जुनून के बारे में बताते हुए कपिल देव ने कहा कि वो तकनीकी रूप से मजबूत नहीं थे. मुंबई में कई लोग सिखाने वाले थे लेकिन उन्हें कोई सिखाने वाला नहीं था. जब चंडीगढ़ में खेलते थे तो वहां टर्फ विकेट नहीं होती थी. यही जुनून था.
कपिल के साथ खेलना सम्मान की बात
वहीं सुनील गावस्कर ने कहा कि टीम में कपिल के साथ खेलना एक सम्मान की बात थी. जिन खिलाड़ियों ने उस समय भारत के लिए मैच जीते उनकी रिस्पेक्ट करता हूं. गेंद और बल्ले से जिस तरह कपिल ने प्रदर्शन किया वैसा किसी ने नहीं किया.
बता दें कि क्रिकेट के सबसे लंबे प्रारूप में कपिल देव 400 विकेट लेने वाले पहले भारतीय गेंदबाज और गावस्कर 10 हजार रन बनाने वाले विश्व के पहले बल्लेबाज हैं. 1985 में गावस्कर की कप्तानी में भारत ने विश्व चैम्पियन्शिप जीती थी.