भारतीय क्रिकेट प्रशासन में सुधार लाने के लिए गठित की गई लोढ़ा कमेटी के मुताबिक अयोग्य करार दिए गए अधिकारी क्रिकेट प्रशासन नहीं संभाल सकते हैं. ऐसा अधिकारी बीसीसीआई या राज्य संघों का प्रतिनिधित्व करने या नामित होने के योग्य भी नहीं होगा.
नहीं हो सकते शामिल
इसके अलावा वह बीसीसीआई में या बीसीसीआई की ओर से सौंपी गई किसी भूमिका का निर्वाह भी नहीं कर सकता है. वहीं ऐसे व्यक्ति बीसीसीआई में संरक्षक या सलाहकार के तौर पर भी नहीं जुड़ सकते हैं. साथ ही बोर्ड की बैठक में राज्य क्रिकेट संघ के प्रतिनिधि के तौर पर हो या अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद यानी आईसीसी की बैठक में बीसीसीआई के प्रतिनिधि के तौर पर भी शामिल नहीं हो सकते हैं.
रिपोर्ट्स के मुताबिक बीसीसीआई के सचिव पद से बर्खास्त किए गए अजय शिर्के ने हाल ही में महाराष्ट्र क्रिकेट संघ यानी एमसीए के प्रतिनिधि के तौर पर बीसीसीआई की बैठक में हिस्सा लिया था. जिसके बाद लोढ़ा कमेटी ने ये बयान जारी किया है.
विराम
लोढ़ा कमेटी के मुताबिक क्रिकेट प्रशासन में किसी अधिकारी का कुल कार्यकाल 9 साल का होगा. कमेटी ने स्पष्ट करते हुए कहा कि किसी भी अधिकारी को तीन साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद तीन साल के ‘विराम’ पर जाना ही होगा.