मुंबई .महेंद्र सिंह धोनी मंगलवार को कप्तान की जर्सी पहले आखिरी बार दिखेंगे. जी हां, कल वह इंग्लैंड के खिलाफ अभ्यास मैच में भारतीय ए टीम की कप्तानी करेंगे. कप्तान के रूप में यह उनका आखिरी मैच होगा.
क्योंकि इस सीरीज में पहली बार धोनी विराट की कप्तानी में खेलेंगे और टीम का पूरा नजारा बदला सा नजर आएगा. विराट कोहली को इस इस सीरीज के लिए कप्तान चुना गया है. पिछले 10 सालों से कैप्टन कूल की अगुवाई में खेल रही टीम इंडिया अब बेहद आक्रमक कोहली की अगुवाई में खेलेगी. वहीं अपनी शुरुआती दिनों में धोनी जब टीम इंडिया में शामिल किए गए थे तो उनकी छवि विकेट कीपर के अलावा एक विस्फोटक बल्लेबाज की रही है लेकिन कप्तान बनने के बाद उन्होंने खुद को परिस्थितियों के मुताबिक ढाल लिया और वह मैच जिताने के लिए संभल कर बल्लेबाजी करने लगे.
कई मौकों पर उन्होंने कूल होकर बल्लेबाजी की और टीम इंडिया को बेहद नाजुक मौकों से निकालकर जीत दिला दी. 2011 मे हुए विश्वकप के फाइनल में उनकी कप्तानी इतिहास में हमेशा के लिए दर्ज हो गई जब सचिन और सहवाग के आउट होने के बाद वह चौथे नंबर पर बल्लेबाजी करने आए और आखिरी में छक्का मारकर इतिहास रच दिया. धोनी की इस पारी के दम पर टीम इंडिया दूसरी बार विश्वकप जिताने में कामयाब हो पाई थी और सचिन जैसे महान बल्लेबाज के करियर में विश्वकप जैसी उपलब्धि जोड़ दी. हालांकि उस मैच में गौतम गंभीर ने भी 97 रनों की पारी की थी.