नई दिल्ली: महेंद्र सिंह धोनी, भारतीय टीम का वो कप्तान जिसका लोहा देसी ही नहीं बल्कि विदेशी खिलाड़ी भी मानते हैं. मैदान पर कूल दिखाई देने वाले माही क्रिकेट जगत के सबसे शातिर खिलाड़ियों में से एक माने जाते हैं.
माही को कैप्टन कूल कहा जाता है, मैदान पर धोनी शांत दिखाई भी देते हैं लेकिन उनके दिमाग में चल रही रणनीति की थाह पाना बहुत मुश्किल है.
ऐसा ही कुछ साल 2008 में आईपीएल के एक मैच में देखने को मिला था जब चेन्नई सुपर किंग्स और कोलकाता नाईट राइडर्स एक दूसरे के खिलाफ मैच खेल रही थीं. कोलकाता ने टॉस जीतकर पहले बैटिंग करने का फैसला किया.
मैच का आखिरी ओवर जोगिंदर शर्मा डाल रहे थे. पहली चार गेंदों में 11 रन बन चुके थे. जोगिंदर शर्मा ने इनिंग्स की सेकण्ड लास्ट बॉल इन स्विंगिंग यॉर्कर डाली जो लेग स्टम्प के थोड़ी सी बाहर थी लेकिन बैट्समैन लक्ष्मीरतन शुक्ला खुद लेग स्टम्प पर रूम बना रहे थे, लिहाज़ा गेंद ब्लॉक होल में पड़ी.
बॉल-बल्ले को छू नहीं पाई लेकिन नॉन स्ट्राइकिंग एंड पर खड़े इशांत शर्मा बाई का रन चुराना चाहते थे लिहाजा वो दौड़ पड़े. उधर जोगिंदर शर्मा ने इशांत की कॉल को मना कर दिया और उन्हें चिल्लाकर वापस जाने को कहा. लेकिन इशांत नहीं माने और अगले ही पल दोनों बल्लेबाज बैटिंग एंड पर खड़े हो गए.
धोनी ने विकेट के पीछे गेंद पकड़ी और उसे जोगिंदर के पास फेंक दिया और उन्हें चुपके से आउट ना करने का इशारा किया. इशांत ये सोचकर पवेलियन जाने लगे कि वो आउट हो चुके हैं. क्योंकि शुक्ला ने अपनी क्रीज़ ही नहीं छोड़ी थी.
इसी बीच लक्ष्मीरतन शुक्ला इशांत को समझाने के लिए आगे बढ़े. उधर धोनी ने उन्होंने इशांत की पीठ पर थपथपाते हुए कुछ कहा और इधर धोनी ने जोगिन्दर को इशारा किया कि अब आउट करो, धोनी का इशारा पाकर जोगिन्दर शर्मा ने गिल्लियां उड़ा दीं. उधर धोनी ने इशांत को नहीं बल्कि लक्ष्मीरतन शुक्ला के आउट करने की कप्तान से अपील की.
धोनी ने उस पल तक के लिए इंतज़ार किया जब लक्ष्मीरतन अपनी भूल से क्रीज़ से बाहर आ जाये. धोनी जानते थे कि शुक्ला ऐसी भूल करेगें और उन्होंने ऐसा ही किया. अंपायर ने लक्ष्मीरतन शुक्ला को आउट दे दिया और आखिरी गेंद इशांत शर्मा ने खेली.