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क्या है लोढ़ा समिति की सिफारिशें, बोर्ड किन बातों पर कर रहा था बहाने

नई दिल्ली. साल 2013 में आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग मामले में राजस्थान रॉयल के तीन खिलाड़ी पकड़े गए थे.
उनसे पूछताछ के बाद उस समय के बीसीसीआई प्रमुख एन श्रीनिवासन के दामाद और उनकी आईपीएल टीम चेन्नई सुपर किंग्स के सीईओ गुरुनाथ मयप्पन पर भी इसमें शामिल होने का आरोप लग गया.
भारतीय क्रिकेट में भ्रष्टाचार का यह अब तक सबसे बड़ा दाग था जिसमें सीधे बोर्ड अध्यक्ष के रिश्तेदार भी लपेटे में आ गए थे. इस मामले ने पूरे देश में तूल पकड़ लिया और क्रिकेट की गरिमा और विश्वसनीयता पर सवाल खड़े हो गए.
धीरे-धीरे मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया और जिसकी जांच के लिए कोर्ट ने जस्टिस मुकुल मुद्गल के अध्यक्षता में एक कमेटी बना दी गई और 2014 में उसने क्रिकेट में भ्रष्टाचार की पोल खोलने वाली रिपोर्ट दी.
इसके बाद भारतीय क्रिकेट बोर्ड में सुधार के लिए कोर्ट ने पूर्व मुख्य न्यायाधीश जस्टिस आरएम लोढ़ा की समिति बनाई. इस समिति में तीन सदस्य हैं. 4 जनवरी 2016 को लोढ़ा समिति ने सुधार के लिए अपनी सिफारिशें बोर्ड को सौंप दीं.
जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई को इन सिफारिशों को लागू करने का निर्देश दे दिया लेकिन कुछ बातों को छोड़कर बोर्ड के अधिकारी इस पर आनाकानी कर रहे थे. लेकिन सुप्रीम कोर्ट अपने रुख पर सख्त रहा है बोर्ड की ओर से दी जा रहीं सभी दलीलों को खारिज कर दिया.
क्या हैं लोढ़ा समिति की सिफारिशें
1- 14 सदस्यीय कार्यकारिणी समिति के बजाए 9 सदस्यों की परिषद बनाई जाए.
2- 70 साल से अधिक उम्र का शख्स बीसीसीआई या राज्य बोर्ड का सदस्य न बने.
3- पूरे राज्य में एक ही क्रिकेट संघ हो. एक राज्य सिर्फ एक ही वोट करे. जिन राज्यों में एक से अधिक संघ हैं वह रोटेशन के तहत वोट करें.
4- एक पदाधिकारी तीन साल में एक ही बार बीसीसीआई की समिति का सदस्य रह सकता है. ज्यादा से ज्याद तीन बार ही चुनाव लड़े. लगातार दो बार कोई भी एक ही पद में नहीं रह सकता है जैसा की पहले कई बार होता आया है.
5- बीसीसीआई की कार्यकारिणी में कोई मंत्री या सरकारी अधिकारी न हो.
6- टीम का चयन तीन सदस्यों वाली समिति ही करे.
7- वित्तीय मामलों के लिए एक सीएजी नियुक्त हो.
8- आईपीएल और बीसीसीआई अलग-अलग संस्था हो.
9- आईपीएल और राष्ट्रीय कलेंडर के बीच 15 दिन का अंतर हो जिसके मुताबिक आईपीएल खत्म होने के 15 दिन बाद ही कोई खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय मैच खेल सकता है.
10-  लोढ़ा समिति ने सट्टे बाजी को वैध करने को कहा है लेकिन इसकी शर्त यह है कि इसमें कोई भी प्रबंधक, पदाधिकारी और खिलाड़ी हिस्सा न ले.
11- लोढ़ा समिति ने कहा कि फिक्सिंग और स्पॉट फिक्सिंग को अपराध माना जाए.
12-  बोर्ड के आंतरिक मामलों के लिए सुप्रीम कोर्ट का जज नियुक्त किया जाए और हाई कोर्ट को जज एथिक्स मामलों के लिए हो.
13- खिलाड़ियों के हित के लिए संघ बनाया जाए.
बीसीसीआई को किन बातों में थी आपत्ति
पैनल के अधिकारियों की उम्र, राज्य संघों का एक वोट, अधिकारियों की नियुक्ति संबंधी बातों पर बोर्ड को आपत्ति थी.
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