PWL में देश और दुनिया के नामी गिरामी पहलवानों को दांव आजमाते देखकर दर्शकों की सांसें थम सी जाती हैं. दरअसल PWL कुश्ती का वो मंच है जिसने हिंदुस्तानी पहलवानों को इंटरनेशनल एक्सोजर देने में अहम भूमिका निभाई है. जिसका असर ओलंपिक में भी दिखा है.
नई दिल्ली: PWL में देश और दुनिया के नामी गिरामी पहलवानों को दांव आजमाते देखकर दर्शकों की सांसें थम सी जाती हैं. दरअसल PWL कुश्ती का वो मंच है जिसने हिंदुस्तानी पहलवानों को इंटरनेशनल एक्सोजर देने में अहम भूमिका निभाई है. जिसका असर ओलंपिक में भी दिखा है. महिलाओं की रेसलिंग में हिंदुस्तान को पहला पदक दिलवाने वाली साक्षी मलिक ने भी उनकी इस सफलता में PWL की भूमिका को बड़ा माना.