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ओलंपिक में दिखा PWL का असर, हिंदुस्तानी पहलवानों को दिलाया इंटरनेशनल एक्सपोजर

PWL में देश और दुनिया के नामी गिरामी पहलवानों को दांव आजमाते देखकर दर्शकों की सांसें थम सी जाती हैं. दरअसल PWL कुश्ती का वो मंच है जिसने हिंदुस्तानी पहलवानों को इंटरनेशनल एक्सोजर देने में अहम भूमिका निभाई है. जिसका असर ओलंपिक में भी दिखा है.

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  • December 27, 2016 4:20 pm Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago

नई दिल्ली: PWL में देश और दुनिया के नामी गिरामी पहलवानों को दांव आजमाते देखकर दर्शकों की सांसें थम सी जाती हैं. दरअसल PWL कुश्ती का वो मंच है जिसने हिंदुस्तानी पहलवानों को इंटरनेशनल एक्सोजर देने में अहम भूमिका निभाई है. जिसका असर ओलंपिक में भी दिखा है. महिलाओं की रेसलिंग में हिंदुस्तान को पहला पदक दिलवाने वाली साक्षी मलिक ने भी उनकी इस सफलता में PWL की भूमिका को बड़ा माना. 

हिंदुस्तान को पहली बार महिला कुश्ती में पदक दिलाने वाली साक्षी मलिक भी इस मेडल की राह में PWL के मौके और तैयारियों को अहम मानती हैं. PWL ने भारतीय रेसलर्स को इंटरनेशनल एक्पोजर का वो मौका दिया है जो अब तक उनके पास नहीं था. वहीं महिला कुश्ती में भारत की सबसे बड़ी उम्मीद गीता और बबिता फोगाट का तो मानना है कि PWL ने हिंदुस्तानी कुश्ती को एक ऐसा मंच दिया है जो इंटरनेशनल चुनौतियों के लिए पहलवानों को तैयार करता है. गीता और बबीता वही हैं जिनकी कहानी पर आमिर खान ने फिल्म दंगल बनाई है.
 
वीडियो में देखें पूरा शो-

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