कोलकाता : भारतीय गोल्फर एसएसपी चौरसिया ने भारतीय ओलंपिक संघ यानी आइओए और खेल मंत्रालय पर गंभीर आरोप लगाए हैं. चौरसिया का कहना है कि रियो ओलंपिक में खिलाड़ियों के साथ नौकरों जैसा व्यवहार किया गया था और ओलंपिक की तैयारी में लगाए 30 लाख रुपये का भी अभी तक भुगतान नहीं किया गया.
चौरसिया के मुताबिक उन्हें और उनके साथी खिलाड़ी अनिरबान लाहिरी दोनों को अभी तक खेल मंत्रालय के जरिए मंजूर की गई राशि नहीं मिली है. उन्होंने कहा है कि उनके पास वो लेटर मौजूद है जिसमें 30 लाख रुपये चुकाने का वादा किया था और रियो ओलंपिक के बाद इसे घटाकर 15 लाख कर देने की बात की गई है. इसमें से चौरसिया को सिर्फ जहां 5.5 लाख रुपये मिले हैं तो वहीं लाहिरी को कुछ भी नहीं मिला है.
छाते या रेनकोट का इंतजाम भी नहीं
वहीं रियो ओलंपिक के बारे में कहते हुए उन्होंने बताया कि रियो में किसी भी चीज में सही व्यवस्था नहीं थी. रियो में बारिश होने पर भी खिलाड़ियों के लिए छाते या रेनकोट का इंतजाम नहीं किया गया था. खिलाड़ियों के साथ ऐसा बर्ताव किया जा रहा था जैसे कि वे मालिक हैं और हम उनके नौकर. उन्होंने कहा कि एयरपोर्ट पर वाहन के लिए चार घंटे तक इंतजार कराया गया.
हालांकि चौरसिया का कहना है कुछ दिनों पहले ही खेल मंत्रालय के जरिए ई-मेल भेजकर दस्तावेजों को दोबारा जमा करने को कहा गया है जिसके बाद उनके पास थोड़ी उम्मीद बची है.