नई दिल्ली : साल 2016 खत्म होने वाला है. इस साल में राजनीतिक गलियारों के अलावा खेलों में भी काफी घमासान देखने को मिला. खेलों में कुछ विवादित मुद्दों के कारण खेलों की गरीमा और साख पर प्रश्न चिन्ह लगा रहा.
साल 2016 में भारत में खलों से जुड़े ये रहे विवादित मुद्दे…
सुशील कुमार V/s नरसिंह यादव
साल 2016 में रियो ओलंपिक की धूम रही. खेलों के इस महाकुंभ के शुरू होने से पहले ही भारत में इस खेल में प्रतिभाग लेने के लिए दो नामचीन खिलाड़ियों के बीच विवाद देखने को मिला. कुश्ती में 74 किग्रा भार वर्ग में बीजिंग ओलंपिक के कांस्य और लंदन ओलंपिक के रजत पदक विजेता सुशील कुमार और नरसिंह यादव के बीच रियो ओलंपिक से पहले काफी विवाद हुआ.
रियो में जाने का टिकट नरसिंह यादव ने 2015 में लास वेगास में आयोजित विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीतकर हासिल कर लिया था. वहीं सुशील कुमार रियो का टिकट हासिल करने में नाकाम रहे थे जिसके बाद सुशील कुमार उनके और नरसिंह के बीच ट्रायल कराने का दावा करने लगे. मामला इतना बढ़ा कि सुशील कोर्ट तक जा पहुंचें यहां तक की उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की थी. आखिर में कोर्ट के निर्णय में फैसला नरसिंह यादव के पाले में ही गया.
बीसीसीआई V/s लोढ़ा कमेटी
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के प्रशासन में सुधार लाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस लोढ़ा के नेतृत्व में लोढ़ा कमेटी का गठन किया. जिसके बाद कमेटी ने बीसीसीआई में सुधार संबंधी सिफारिशें लागू करने के लिए बीसीसीआई के सामने रखी लेकिन बीसीसीआई ने अड़ियल रवैया अपनाते हुए इनमें से कई सिफारिशों को लागू नहीं किया.
बीसीसीआई कुछ सिफारिशों को विरोध करता रहा. इसके बाद बीसीसीआई को कई बार कोर्ट से फटकार भी लगी और वित्त संबंधी कार्यों पर भी सिफारिशें पूरी तरह से लागू करने तक रोक लगा दी.
नरसिंह यादव डोपिंग मामला
रियो ओलंपिक में जाने के लिए पहलवान नरसिंह यादव ने क्वालिफाई तो कर लिया लेकिन वो डोपिंग के आरोपों में घिर गए. ओलंपिक शुरू होने के बाद तक उनके खेलने पर सस्पेंस बना रहा. नरसिंह पर रियो ओलंपिक से पहले नाडा ने डोप में पॉजिटिव पाए जाने के बाद प्रतिबंध लगा दिया था लेकिन बाद में नाडा ने पहलवान को क्लीनचिट देते हुए ओलंपिक में खेलने की इजाजत दी थी. इसके बाद वाडा ने उनके फैसले को बदलते हुए नरसिंह पर प्रतिबंध लगा दिया था.