BCCI को एक और झटका, सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की क्यूरेटिव याचिका

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड और लोढ़ा कमेटी के बीच सिफारशें लागू करने का घमासान लगातार जारी है. इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई की क्यूरेटिव याचिका को खारिज कर बीसीसीआई को एक और झटका दे दिया है.

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BCCI को एक और झटका, सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की क्यूरेटिव याचिका

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  • December 15, 2016 4:59 pm Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
नई दिल्ली : भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड और लोढ़ा कमेटी के बीच सिफारशें लागू करने का घमासान लगातार जारी है. इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई की क्यूरेटिव याचिका को खारिज कर बीसीसीआई को एक और झटका दे दिया है.
 
भारत में क्रिकेट प्रशासन में सुधार लाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस लोढ़ा कमेटी का गठन किया था. जिसके बाद उसने कुछ सिफारिशों को बीसीसीआई को लागू के लिए कहा लेकिन बीसीसीआई लोढ़ा कमेटी की सुझाई कुछ सिफारिशों का विरोध करने लगा. जिसके बाद बीसीसीआई ने सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव याचिका दाखिल की. जिसे अब सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है.
 
कानूनी विकल्प नहीं
सुप्रीम कोर्ट के जरिए याचिका खारिज करने के बाद अब बीसीसीआई की मुश्किलें काफी हद तक बढ़ सकती हैं क्योंकि अब बीसीसीआई के पास कोई कानूनी विकल्प नहीं बचा है. जिसके बाद बीसीसीआई को लोढ़ा कमेटी की सिफारिशों को लागू करना ही होगा.
 
 
दो दिन पहले ही कोर्ट ने बीसीसीआई की पुनर्विचार याचिका को खारिज किया था. सुप्रीम कोर्ट ने 18 जुलाई को बीसीसीआई को लोढ़ा कमिटी की सिफारिशें लागू करने को कहा था. जिसके बाद बीसीसीआई ने क्यूरेटिव याचिका दाखिल की थी.
 
क्यूरेटिव याचिका के नियम
सुप्रीम कोर्ट के फैसले को चुनौती देने के लिए क्यूरेटिव याचिका दाखिल की जाती है. क्यूरेटिव याचिका किसी सीनियर वकील के जरिए सर्टिफाइड होनी चाहिए और याचिकाकर्ता को अपने क्यूरेटिव याचिका में ये बताना जरूरी होता है कि वो किस बुनियाद पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को चुनौती दे रहा है.
 
इस याचिका को सुप्रीम कोर्ट के तीन सीनियर मोस्ट जजों और जिन जजों ने फैसला सुनाया था उसके पास भी भेजा जाना जरूरी होता है. अगर बेंच के ज्यादातर जज इस बात पर सहमति दिखाते हैं कि मामले की दोबारा सुनवाई होनी चाहिए तब क्यूरेटिव पिटीशन को वापस उन्हीं जजों के पास भेज दिया जाता है.

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