मुंबई : भारत और इंग्लैंड के बीच चौथा टेस्ट मैच मुंबई के वानखेड़े के मैदान पर खेला जा रहा है. इस मैदान पर ऐसा पहली बार हुआ है जब टीम इंडिया की टेस्ट टीम में कोई भी खिलाड़ी मुंबई का नहीं है.
मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर के संन्यास लेने के बाद भारत और इंग्लैंड के बीच मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में सीरीज का चौथा टेस्ट मैच खेला जा रहा है और साल 1933 के बाद ऐसा पहली बार हुआ है कि भारतीय टीम की प्लेइंग इलेवन में कोई भी मुबंई का खिलाड़ी नहीं है.
1933 से चला रहा है सिलसिला
मुंबई में 1933 में बॉम्बे जिमखाना मैदान पर 15 से 18 दिसंबर तक भारत और इंग्लैंड के बीच मुकाबला खेला गया था. इस मैच में मुबंई के चार खिलाड़ी खेले थे. इस मैच पर इंग्लैंड ने 9 विकेट से अपने नाम कर लिया था. 1933 से चला आ रहा रिकॉर्ड गुरुवार को तब टूट गया जब भारत और इंग्लैंड के बीच शुरू हुए चौथे टेस्ट में कोई मुबंई का खिलाड़ी नहीं खेला.
43 टेस्ट खेले
चौथे टेस्ट मैच से पहले मुंबई में 43 टेस्ट मैच खेले गए हैं. हर मैच में मुंबई के एक खिलाड़ी को जरूर प्लेइंग इलेवन में जगह मिलती थी. हालांकि गुरुवार यह सिलसिला तब टूट गया जब इंग्लैंड के खिलाफ कप्तान विराट कोहली की अगुवाई में भारतीय टीम में बिना किसी मुंबई के खिलाड़ी के उतरी.
दरअसल, चौथे टेस्ट से पहले मुंबई के अजिंक्य रहाणे को ऊंगली में फ्रैक्चर की वजह से सीरीज से बाहर होना पड़ा. शमी के चोटिल हो जाने के बाद मुबंई के शार्दूल ठाकुर को लेकर उम्मीद जगी लेकिन भुवनेश्वर कुमार को प्लेइंग इलेवन में शामिल करने के बाद यह उम्मीद भी टूट गई.