राजस्थान में इंग्लैंड से लाई गईं 28 मोबाइल पिच, दूर-दराज तक मिलेगी सुविधा

भारत में क्रिकेट की दीवानगी तो कोने-कोने तक है लेकिन इसके लिए सुविधाएं हर जगह एक सी नहीं हैं. राजस्थान में इसी कमी को पूरा करने के लिए मोबाइल पिचें मंगाई गई हैं. राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन (आरसीए) ने ऐसी पिच मंगाई है, जिसे कहीं भी साथ ले जाया जा सकता है.

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राजस्थान में इंग्लैंड से लाई गईं 28 मोबाइल पिच, दूर-दराज तक मिलेगी सुविधा

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  • October 11, 2016 8:48 am Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
नई दिल्ली. भारत में क्रिकेट की दीवानगी तो कोने-कोने तक है लेकिन इसके लिए सुविधाएं हर जगह एक सी नहीं हैं. राजस्थान में इसी कमी को पूरा करने के लिए मोबाइल पिचें मंगाई गई हैं. राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन (आरसीए) ने ऐसी पिच मंगाई है, जिसे कहीं भी साथ ले जाया जा सकता है. 
 
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इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक आरसीए ने इंग्लैंड से 28 सिंथेटिक रोल-आउट पिचें मंगाई हैं ताकि दूर-दराज के इलाकों में भी खेलने के लिए अच्छी पिच मिल सके. इस मोबाइल पिच को पैक करके एक से दूसरी जगह ले जाया जा सकता है. ये पिच सभी मानकों को पूरा करती है. 
 
आरसीए के एक अधिकारी के अनुसार राजस्थान में 33 जिले हैं, जिनमें से छह या सात में ही टर्फ विकेट (तय मानकों के अनुसार तैयार की गई पिचें) हैं. दूसरी जगहों पर खिलाड़ी सीमेंट ट्रैक पर या पुरानी पिचोें पर खेलते हैं. इन पोर्टेबल पिच के जरिए आरसीए दूसरी जगहों पर भी गुणवत्तापूर्ण सुविधाएं पहुंचाना चाहता है. 
 
रखरखाव में कम खर्च
आरसीए के कोषाध्यक्ष पवन गोयल का कहना है कि ये सिंथेटिक पिच रबड़ चढ़े हुए पॉलिमर से बनी हैं और इन पर फास्ट बॉलर और स्पिनर दोनों को मदद मिल सकती है. इस पिच के रखरखाव के लिए ज्यादा खर्चे और मेहनत की भी जरूरत नहीं है. इन पर पानी भी डालने की जरूरत नहीं होती. 
 
जब मैच न खेले जा रहे हों, तो इस पिच को बस रुई में लपेट कर रखना होता है जबकि असली पिच के रखरखाव में करीब हर साल 6 लाख का खर्चा आता है. इस कृत्रिम पिच की कीमत 1.8 लाख रुपये पड़ती है और ये पांच से छह साल आराम से चल जाती हैं. 

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