नई दिल्ली. लोढ़ा समिति की सिफारिशों के बाद भारत और नयूजीलैंड टेस्ट सीरिज पर मंडरा रहा खतरा टल गया है. समिति ने खुद ही स्पष्टीकरण देकर असमंजस की स्थिति को खत्म कर दिया है. समिति ने कहा है कि बीसीसीआई के खाते से रोजमर्रा के कामों के लिए इस्तेमाल होने वाले पैसों पर रोक नहीं लगाई गई है.
लोढ़ा समिति ने साफ किया कि उन्होंने बैंकों को क्रिकेट बोर्ड के खाते फ्रीज करने के कोई निर्देश नहीं दिए हैं. बोर्ड अपने नियमित खर्चों का संचालन कर सकता है. लोढ़ा समिति के बीसीसीआई के खाते वाले बैंकों को पहले दिए गए एक निर्देश के चलते यह असमंजस पैदा हो गई थी.
दरअसल, सर्वोच्च न्यायालय द्वारा नियुक्त लोढ़ा पैनल ने बीसीसीआई द्वारा अपनी सिफारिशें नहीं मानने के कारण बैंकों को एक निर्देश भेजा था. इसमें बोर्ड की 30 सितंबर को अयोजित विशेष आम बैठक में लिये गये वित्तीय फैसलों के लिए राज्य संघों को बड़ी रकम का भुगतान न करने को कहा गया था.
राज्य संघ बीसीसीआई पर निर्भर
हालांकि, अब लोढ़ा समिति ने स्पष्ट किया है कि उसने बीसीसीआई के खातों पर रोक नहीं लगायी है. केवल बीसीसीआई को निर्देश दिये हैं कि वह राज्य संघों को रकम का भुगतान न करे. रोजाना के खर्चे और मैच चलते रहने चाहिए.
समिति के इस निर्देश पर बीसीसीआई का कहना है कि राज्य संघ मैचों के आयोजन के लिये बोर्ड पर निर्भर हैं इसलिए निर्देश के बाद वे अपना कामकाज नहीं कर पाएंगे. इसका असर भारत और न्यूजीलैंड के बीच मैचों की तैयारियों पर पड़ेगा. भारत और न्यूजीलैंड के बीच तीसरा और आखिरी टेस्ट मैच आठ अक्टूबर से इंदौर में खेला जाना है. इसके बाद दोनों देशों के बीच पांच वनडे मैचों की सीरीज होनी है.