रियो डी जेनेरियो. आज ओलिंपिक के छठें दिन भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने अपना चौथा लीग मैच नीदरलैंड के खिलाफ खेला और 2-1 से हार गयी. आज का मैच बेहद रोमांचक रहा. हाफ टाइम तक कोई भी टीम गोल नहीं कर पाई थी.
पहले क्वार्टर में खेल बराबरी का रहा. इसमें दोनों ही टीमों ने एक-दूसरे पर दवाब बनाने क लिए कई बार आक्रमण किए. हालांकि दोनों ही टीमों के डिफेंडरों ने ऐसा होने ना दिया.
इसके बाद दूसरे क्वार्टर की शुरुआत नीदरलैंड ने भारत पर दबाव बनाते हुए की. बावजूद इसके भारतीय खिलाड़ियो ने गोल नहीं होने दिया. इसमें सबसे बड़ा योगदान कप्तान श्रीजेश का रहा जिन्होंने दो शानदार शॉट्स रोके.
तीसरे क्वार्टर में भारतीय टीम ने जोरदार आक्रमण से शुरुरात की लेकिन कोई सफलता हाथ नहीं लगी. इसके बाद हमले की बारी नीदरलैंड की थी लेकिन कप्तान श्रीजेश ने गोल होने से रोक लिया.
हालांकि गेंद उनके हेलमेट से टकराकर भारतीय खिलाड़ी के शरीर में लग गई और नीदरलैंड को पहला पेनल्टी कॉर्नर मिल गया. इस पेनल्टी कॉर्नर पर हॉफमैन रॉजियर ने 32वें मिनट में रीबाउंड पर गोल दाग दिया. इसके बाद भारतीय टीम दबाव में आ गयी.
इसके बाद डच टीम ने लगातार हमले जारी रखे. तीसरे क्वार्टर के अंतिम 8 मिनट में, जो कि मैच का 38वां मिनट था, में भारत ने पहला पेनल्टी कॉर्नर हासिल कर लिया. हालांकि इस मौके पर रुपिंदर पाल सिंह की हिट कामयाब नहीं रही. अंपायर ने इसी शॉट पर दूसरा पेनल्टी कॉर्नर दे दिया, जिसे वीआर रघुनाथ ने गोल में बदल दिया. इस तरह मुकाबला 1-1 से बराबरी पर आ गया.
यह ख़ुशी का पल ज्यादा देर तक टिक नहीं पाया. क्वाटर के आखरी तीन मिनट में भारत के दो खिलाड़ियों को अंपायर ने यलो कार्ड दिखा दिया. यह दो खिलाड़ी सुनील और रघुनाथ थे. इसके बाद टीम को 9 खिलाड़ियों से खेलना पड़ा.
चौथे क्वार्टर के तीसरे मिनट में डच टीम को भारत ने दूसरा पेनल्टी कॉर्नर दे दिया. हालांकि फिर श्रीजेश ने डाइव लगा कर गोल नहीं होने दिया और स्कोर 1-1 ही रहा. बावजूद इसके नीदरलैंड ने लगातार हमले जारी रखे. इसके बाद अंतिम 7वें मिनट में नीदरलैंड को पैनेल्टी कॉर्नर मिला और इस बार वान डेर वीरडेन मिंक ने गोल कर दिया. इस तरह नीदरलैंड मुकाबले में 2-1 से आगे हो गयी.