नई दिल्ली. डोपिंग टेस्ट में रेसलर नरसिंह यादव को नेशनल एंटी डोपिंग एजेंसी (नाडा) से बड़ी राहत मिली है. नाडा ने नरसिंह पर से बैन हटाते हुए कहा कि यादव में कोई दोष नहीं है और उनसे कोई गलती नहीं हुई है.
क्लीन चिट मिलने के बाद नरसिंह का रियो ओलंपिक में जाना तय माना जा रहा है. अगर वे जाते हैं तो रियो ओलिंपिक में 74 किलो फ्रीस्टाइल वर्ग में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे.
सुशील कुमार की अपील हुई थी खारिज
इससे पहले हाईकोर्ट ने कहा था कि भले ही सुशील कुमार महान रेसलर हो लेकिन रियो ओलम्पिक में नरसिंह यादव को भेजने के भारतीय कुश्ती संघ के फ़ैसले में हमें कोई गलती नजर नहीं आती.
कोर्ट ने कहा की सुशील कुमार जब पिछ्ली बार ओलम्पिक में गए थे तो उन्होंने कोई ट्रॉयल नहीं दिया था. कोर्ट ने अपने फैसले में ये भी कहा की अगर नरसिंह यादव पिछले साल हुई वर्ल्ड चैंपियनशिप नहीं जीतते तो हमें रियो ओलंपिक का कोटा भी नहीं मिलता. इसलिए इसको अनदेखा नहीं किया जा सकता.
वहीं पहलवानों के बीच ट्रॉयल कराने कि सुशील कुमार कि मांग को ख़ारिज करते हुए कोर्ट ने कहा कि अगर इस समय पहलवानों के बीच ट्रॉयल कराया जाता है तो संभव है की कोई पहलवान घायल हो जायेगा और इसका खामियाजा देश को उठाना पड़ेगा.
क्या था मामला ?
सुशील कुमार का टिकट काटकर रियो ओलंपिक के लिए सेलेक्ट हुए नरसिंह यादव डोप टेस्ट के दो-दो राउंड में फेल गए थे. नेशनल एंटी डोपिंग एजेंसी यानी नाडा के टेस्ट में जब नरसिंह के खून में एक प्रतिबंधित स्टीरॉयड मिला तो दोबारा उनके खून का सैंपल लिया गया.
दोबारा जांच में भी वो पास नहीं हो पाए. नाडा पैनल में नरिंसह यादव पेश हुए और इस मामले की सुनवाई चली. नाडा आज इस मामले पर फैसला सुनाएगा ताकि नरसिंह यादव को लेकर मामला साफ हो सके.