लंदन. इंग्लैंड के ऑलराउंडर क्रिकेटर मोइन अली ने कहा है कि उनके लिए क्रिकेट से ज्यादा जरूरी उनका धर्म इस्लाम है. उन्होंने कहा कि अगर जरूरत पड़े तो वह इस्लाम के लिए क्रिकेट भी छोड़ सकते हैं. मोइन ने यह बात एक मीडिया चैनल को दिए अपने इंटरव्यू में कही.
मोइन ने इस्लाम पर बात करते हुए कहा कि यह धर्म उन्हें आजाद महसूस कराता है, जिससे उन्हें काफी खुशी मिलती है. उन्होंने कहा, ‘क्रिकेट अच्छा खेल है, लेकिन जैसे-जैसे मैं बड़ा हुआ मुझे एहसास हुआ कि मुझे अपने धर्म से ज्यादा खुशी मिलती है. मैं अपने धर्म के लिए कभी भी क्रिकेट छोड़ सकता हूं और ऐसा करने में मुझे ज्यादा दिक्कत भी नहीं होगी. मेरे लिए सबसे बड़ा मेरा ईमान है. जब आप दुनिया से जाते हो तब आपके साथ केवल आपका ईमान जाएगा और कुछ नहीं ‘
मोइन ने इंग्लैंड में अल्पसंख्यक होने के अपने अनुभव बताते हुए कहा कि यह काफी मुश्किल है और उन्हें हमेशा सतर्क रहना पड़ता है. उन्होंने कहा, ‘ अल्पसंख्यक होना जीवन का हिस्सा है. मुसलमान पहले भी मुश्किलों का सामना कर चुके हैं. दूसरे देशों में भी अन्य समुदायों को मुश्किलों का सामना करना पड़ता है.’
इंग्लैंड का यह तेज तर्रार खिलाड़ी इंग्लैंड के लिए 26 टेस्ट और 39 वनडे मैच खेल चुका है. दोनों ही फॉर्मेट में अली ने 2-2 शतक लगाए हैं. पिछले दो साल से वह इंग्लैंड की टीम का अहम हिस्सा रहे हैं. टेस्ट क्रिकेट में उनके नाम 66 विकेट और वनडे इंटरनैशनल में 39 विकेट हैं.