नई दिल्ली : कहा जाता है कि नई उम्र के आगे कभी-कभी अनुभव भी नहीं काम आता है ऐसा ही हुआ विम्बलडन के फाइनल मुकाबले में स्पेन के कार्लेस अल्कारेज ने 34 मैचों से चले आ रहे जोकोविच के विजय अभियान को रोक दिया. कार्लोस अल्कारेज ने दूसरी वरीयता प्राप्त खिलाड़ी नोकाव जोकोविच को विम्बलडन […]
नई दिल्ली : कहा जाता है कि नई उम्र के आगे कभी-कभी अनुभव भी नहीं काम आता है ऐसा ही हुआ विम्बलडन के फाइनल मुकाबले में स्पेन के कार्लेस अल्कारेज ने 34 मैचों से चले आ रहे जोकोविच के विजय अभियान को रोक दिया. कार्लोस अल्कारेज ने दूसरी वरीयता प्राप्त खिलाड़ी नोकाव जोकोविच को विम्बलडन के फाइनल मुकाबले में हरा दिया.
फाइनल मुकाबला काफी रोमांचक रहा और 4 घंटे 42 मिनट चला. कार्लोस ने जोकोविच को 1-6,7-6(6), 6-1, 3-6, 6-4 से मात दी. 20 साल के कार्लोस अल्कारेज का दूसरा ग्रैंड स्लैम खिताब था. कार्लोस ने इससे पहले नॉर्वे के कैस्पर रूड को हराकर यूएस ओपन का अपना पहला खिताब जीता था. बता दें कि यह फाइनल मुकाबला अगर जोकोविच जीत जाते तो विम्बलडन के 8 बार के विजेता रोजर फेडरर की बराबरी कर लेते है.
अगर इस मैच के पहले सेट की बात करे तो पहला सेट पूरी तरह से जोकोविच के नाम रहा और सिर्फ एक गेम कर्लोस ने जीता. वहीं दूसरे सेट में कार्लोस ने जबरदस्त वापसी की और सेट को टाईब्रेकर तक लेकर गए. उसके बाद तीसरे सेट में कार्लोस ने जोकोविच पर पूरी तरफ हावी रहे और सेट 6-1 से जीत लिया, लेकिन फिर चौथे सेट में वापसी की और 3-6 से कार्लोस को हराया. वहीं पांचवा सेट कार्लोस जीतकर विम्बलडन जीतने में सफल रहे.
20 वर्षीय कार्लोस अल्कारेज विम्बलडन जीतने वाले सबसे युवा खिलाड़ी है. बता दें कि सबसे अधिक समय तक नोकाव जोकोविच के सर पर नंबर एक का ताज रहा.