नई दिल्ली. हरारे में धोनी के पास सिर्फ हिम्मत ही होगी क्योंकि मैदान पर न अनुभवी टीम होगी न ही दबाव वाली स्थितियों से निकालने के लिए एक्सर्ट क्रिकेटर होंगे. कागज़ पर जिम्बॉब्वे धोनी की टीम इंडिया से 7 पायदान नीचे है.
लेकिन मौजूदा हालात के देखें तो अगर एक भी उलटफेर हुआ तो धोनी के सिर पर लटक रही तलवार का धागा टूट जाएगा. धोनी की टीम में 5 क्रिकेटरों का इंटरनेशनल डेब्यू नहीं हुआ है जबकि धोनी और मनीष पांडे को ही जिम्बॉब्वे में खेलने का अनुभव है.
भले ही जिम्बॉब्वे कमज़ोर टीम है लेकिन क्रिकेट का इतिहास हमेशा ऐसी ही टीमों के उलटफेर का गवाह बना है. इस दौरे पर धोनी की साख, कप्तानी, आत्मविश्वास सब दांव पर लगे हैं.
अब देखना ये है कि मैदान के बाहर और अंदर की चुनौतियों को पछाड़कर धोनी कैसे बनते हैं हरारे का हिम्मतवाला. इंडिया न्यूज के खास शो ‘रनयुद्ध’ में देखिए जिम्बॉब्वे दौरे के लिए धोनी का अनुभव और उनकी हिम्मत.
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