नई दिल्ली. दिल्ली हाईकोर्ट सोमवार को पहलवान सुशील कुमार की याचिका पर फैसला सुनाएगा. कोर्ट पहलवान सुशील कुमार और नरसिंह यादव के बीच रियो ओलंपिक मे भारत के तरफ से कौन जाएगा इस पर फैसला सुनाने वाला है.
ओलिंपिक खेलों में दो बार पदक जीत चुके सुशील की तरफ से डब्ल्यूएफआई के उस फैसले को चुनौती दी गई है, जिसमें तीन मई को पहलवान नरसिंह पंचम यादव को 74 किलो फ्रीस्टाइल वर्ग के लिए भारत की ओर से रियो ओलिंपिक में खेलने के लिए भेजे जाने के लिए चुना गया था.
शुक्रवार को पहलवान सुशील कुमार की याचिका पर हाई कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखते हुए कहा था कि राष्ट्रीय खेल संहिता के तहत भारतीय कुश्ती संघ (डब्ल्यूएफआई) बाध्य नहीं है कि वह रियो ओलिंपिक में जाने के लिए पहलवानों के बीच ट्रायल कराए.
इतना ही नहीं कोर्ट ने ये भी कहा था कि खेल संहिता में संघ को इस मामले में पूरी तरह से अधिकार दिए गए हैं कि वह किसी खिलाड़ी को प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए चुने.
वहीं केंद्र सरकार की तरफ से याचिका के जवाब में कहा गया था कि डब्ल्यूएफआई स्वतंत्र संस्था है. सरकार का कोई दखल नहीं है. डब्ल्यूएफआई की तरफ से अदालत में कहा गया कि वह पहले ही पहलवान नरसिंह का नाम ओलिंपिक के लिए भेज चुके हैं.
इस पर सुशील के वकील ने कहा था कि नाम भेजने की अंतिम तारीख 18 जुलाई है, लेकिन इसके बावजूद जानबूझकर तीन मई को ही संघ ने नरसिंह का नाम भेज दिया. ऐसा करके उन्होंने सुशील की याचिका को ही निष्फल कर दिया है.