नई दिल्ली. रियो ओलंपिक में 74 किलोग्राम वर्ग की कुश्ती में भारत की तरफ से सुशील कुमार जाएंगे या नरसिंह यादव, इस पर दिल्ली हाईकोर्ट का फैसला 30 मई को आ सकता है. शुक्रवार को फैसला आने की उम्मीद थी लेकिन ये टल गया है.
नरसिंह यादव को भारतीय कुश्ती फेडरेशन ने रियो ओलंपिक का टिकट पकड़ाया है जिसके खिलाफ सुशील कुमार होईकोर्ट गए हैं. नरसिंह को यह टिकट इसलिए मिला है क्योंकि पिछले साल लास वेगास में हुए विश्व चैंपियनशिप मुकाबले में 74 किलोग्राम सेक्शन में कांस्य पदक जीतकर ओलंपिक का कोटा हासिल कर लिया था.
बीजिंग ओलंपिक में कांस्य और लंदन ओलंपिक में रजत पदक जीत चुके सुशील चाहते हैं कि फेडरेशन उनका और नरसिंह का ट्रायल करके ये तय करे कि किसे भारत की तरफ से रियो ओलंपिक में भेजा जाएगा. सुशील का कहना है कि कोटा देश का होता है, किसी खिलाड़ी का नहीं इसलिए नरसिंह ने जो कोटा हासिल किया वो भारत का है और उन्हें ही रियो भेजा जाना चाहिए.
हाईकोर्ट में आज सुशील के वकील ने कहा कि फेडरेशन ने उन्हें पिछले साल ट्रायल का भरोसा दिया था. फेडरेशन का कहना है कि ट्रायल कराने से नरसिंह को मानसिक धक्का लगेगा जिन्होंने अपनी मेहनत से कोटा हासिल किया है.
सुशील के वकील ने भारतीय टीम के कोच का पिछले साल अक्टूबर का एक लेटर भी कोर्ट के सामने रखा है जिसमें कोच ने सुशील की ट्रेनिंग पर बात की है और रियो के लिए उन्हें शुभकामना दी है. सुशील का कहना है कि वो अकेला भारतीय है जिसके पास दो ओलंपिक मेडल हैं और उसे ट्रायल का मौका मिलना चाहिए. कोर्ट को सुशील के वकीलों ने ये भी बताया कि सिर्फ 74 किलोग्राम को छोड़कर बाकी सारी कैटेगरी में मार्च में ट्रायल हुआ है.