कुआलालंपुर. टेबल टेनिस खिलाड़ियों ने पिछले 24 घंटों में भारत के लिए इतिहास रच दिया. भारत के पुरुष और महिला टीमों ने शनिवार को वर्ल्ड टेबल टेनिस चैम्पियनशिप के सेकेंड डिविजन में अपने-अपने मैच जीत स्वर्ण पदक पर कब्जा जमाया. भारतीय महिला टीम ने लक्जमबर्ग को 3-1 से शिकस्त दी तो वहीं भारतीय पुरुष टीम ने ब्राजील को 3-2 से हराया.
महिला मैच में अच्छी शुरुआत
यह पहली बार हुआ है कि भारतीय महिलाओं ने वर्ल्ड चैम्पियनशिप में एक भी मैच नहीं गंवाया. टीम ने अपने आठों मुकाबलों में जीत हासिल की. भारतीय महिलाओं को मौमा दास ने अच्छी शुरुआत दिलाई. उन्होंने अपने अनुभव का भरपूर इस्तेमाल करते हुए डेनिएले कोंसब्रक को 3-0 से शिकस्त दी. मनिका बत्रा ने भी अपने मुकाबले में टेसी गोंडरिंगर पर 3-1 से जीत हासिल की. उन्होंने इसके बाद रिवर्स मुकाबले में डेनिएले को 3-0 से हराया.
जीत के बाद क्या कहा?
मनिका ने मैच के बाद कहा, “हम सभी के लिए यह शानदार अनुभव रहा. हम इसे लंबे समय तक याद रखेंगे.
पुरषों को करना पड़ा संघर्ष
दूसरी तरफ भारतीय पुरुषों को जीत के लिए संघर्ष करना पड़ा. टीम प्रबंधन ने अनुभवी अचंत शरथ कमल को निर्णायक मुकाबले के लिए बचा के रखा था. बाद में हालांकि यह गलत फैसला साबित हुआ. सौम्यजीत घोष अपना मुकाबला हार गए लेकिन हरमीत देसाई ने अपने मुकाबले में जीत हासिल की भारतीय टीम 1-2 से पीछे थी, लेकिन भारत को बड़ा झटका तब लगा जब एंथॉनी अमलराज अपना मुकाबला हार गए. सौम्यजीत ने इसके बाद अपना दूसरा मुकाबला जीत भारत को राहत की सांस दिलाई. हरमीत ने भी इसके बाद अपने दूसरे मुकाबले में भी जीत हासिल की.
जीत के बाद क्या कहा?
शरथ ने मैच के बाद कहा, “यह मेरे लिए और टीम के लिए सपना सच होने जैसा है क्योंकि 2018 तक अगर मैं टीम में रहा तो हम वर्ल्ड चैम्पियनशीप डिवीजन में पहली बार खेलेंगे.”