नई दिल्ली. देश के दो स्टार पहलवान योगेश्वर दत्त और विजेन्द्र सिंह ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय विवाद में राष्ट्र-विरोधी नारे लगाने के खिलाफ अलग अंदाज में अपना विरोध व्यक्त किया है. योगेश्वर ने अपने फेसबुक पेज पर विरोध में एक कविता लिखी है, जिसे सोशल मीडिया पर खूब शेयर किया जा रहा है. वहीं विजेन्द्र सिंह ने ट्वीट के जरिये विरोध जताया है.
विजेन्द्र ने अपने ट्वीट में तंज कसते हुए लिखा है कि “जिस देश में खेत की डोल का 1 इंच खिसकने पर 10 कत्ल हो जाते हैं , वो कश्मीर दे देगा? बहुत बड़ी गलतफहमी पाल रखी है कुछ लोगो ने”
विजेन्द्र सिंह राष्ट्रमण्डल खेल साल 2006 में कांस्य पदक ही जीत विजेता रहे हैं. इसके अलावा राष्ट्रमंडल खेल 2006 में रजत पदक अपने नाम कर चुके हैं.
योगेश्वर ने अपने फेसबुक पेज पर यह कविता 13 फरवरी को पोस्ट की है और अब तक उसे दसियों हजार लोग लाइक कर चुके हैं और सैकड़ों लोगों ने अपनी-अपनी प्रतिक्रिया भी दी है.
लंदन ओलम्पिक-2012 में कांस्य पदक विजेता रहे योगेश्वर ने 19 पंक्तियों की अपनी कविता में राष्ट्र-विरोधी नारे लगाने वाले विद्यार्थियों की तुलना तुर्की आक्रमणकारी महमूद गजनवी से की है.
योगेश्वर की कविता की कुछ पंक्तियां -:
गजनी का है तुम में खून भरा जो तुम अफजल का गुण गाते हों,
जिस देश में तुमने जनम लिया उसको दुश्मन बतलाते हो!
भाषा की कैसी आजादी जो तुम भारत मां का अपमान करो,
अभिव्यक्ति का ये कैसा रूप जो तुम देश की इज्जत नीलाम करो!
अफजल को अगर शहीद कहते हो तो हनुमनथप्पा क्या कहलाएगा,
कोई इनके रहनुमाओं का मजहब मुझको बतलायेगा!
अपनी मां से जंग करके ये कैसी सत्ता पाओगे
बता दें कि कि पिछले सप्ताह जेएनयू परिसर में कुछ विद्यार्थियों द्वारा संसद हमले के दोषी अफजल गुरु को मृत्युदंड दिए जाने के खिलाफ एक सभा बुलाई थी, जिसके बाद यह विवाद शुरू हुआ. सभा के दौरान कुछ विद्यार्थियों पर राष्ट्र-विरोधी नारे लगाने का आरोप है और इस प्रकरण में जेएनयू छात्रसंघ कन्हैया कुमार को राष्ट्रद्रोह के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया है.