नई दिल्ली. बीसीसीआई की अनुशासन समिति ने पाकिस्तानी अंपायर असद राउफ को भ्रष्ट कार्यों में शामिल होने और खेल की छवि को नुकसान पहुंचाने के लिए पांच साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया है.
आईसीसी के एलीट पैनल में शामिल और टेस्ट मेचों में अंपायर की भूमिका निभा चुके 59 साल के राउफ पर आईपीएल के 2013 टूर्नामेंट के दौरान सटटेबाजों से महंगे तोहफे स्वीकार करने और आईपीएल मैचों पर सट्टा लगाने का आरोप लगा था.
राउफ के भविष्य पर फैसला कई हफ्तों तक टालने के बाद बीसीसीआई अध्यक्ष शशांक मनोहर की अगुआई वाली समिति ने आज इस अंपायर को प्रतिबंधित करने की घोषणा की. इस समिति में ज्योतिरादित्य सिंधिया और निरंजन शाह भी शामिल हैं. राउफ के खिलाफ आरोप लगने के बाद पाकिस्तान ने उन्हें आईसीसी एलीट पैनल से हटा दिया था.
बीसीसीआई ने बैठक के बाद बयान जारी करके कहा कि असद राउफ को पांच साल तक अंपायरिंग या खेलने या किसी भी तरह से क्रिकेट में प्रतिनिधित्व करने या किसी भी तरह से बोर्ड और उससे मान्यता प्राप्त इकाईयों से जुड़ने से प्रतिबंधित किया जाता है.
बयान के मुताहिक असद राउफ समिति के समक्ष पेश नहीं हुए लेकिन उन्होंने शुरुआती जवाब 15 जनवरी 2016 को दिए और फिर आठ फरवरी 2016 को अपना लिखित जवाब भेजा.
समिति ने जांच आयुक्त की रिपोर्ट और राउफ के लिखित बयान पर विचार करने के बाद इस पाकिस्तानी को बीसीसीआई की भ्रष्टाचार रोधी संहिता के नियम 2.2.2, 2.3.2, 2.3.3 और 2.4.1 के तहत कदाचार और भ्रष्टाचार का दोषी पाया है.
राउफ को इसके अलावा अंदरूनी जानकारी किसी साक्षा करने का दोषी भी पाया गया है. राउफ के प्रतिबंध के साथ 2013 के प्रकरण और इसके बाद भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर हुई बोर्ड की अनुशासनात्मक कार्रवाई खत्म हो गई है.
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