नई दिल्ली. बोर्ड ऑफ क्रिकेट कंट्रोल इन इंडिया (बीसीसीआई)को पारदर्शी बनाने और कई सुधार प्रक्रियाओं के सुझाव वाली लोढ़ा कमेटी की रिपोर्ट पर जल्द सुनवाई को सुप्रीम कोर्ट तैयार हो गया है.
सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को भरोसा दिया कि वो इस मामले में जल्द सुनवाई करेगा. शुक्रवार को क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ़ बिहार ने अर्जी दाखिल कर जल्द सुनवाई की मांग की थी. जनवरी को लोढ़ा पैनल ने सटटेबाजी को कानूनी मान्यता देने के साथ और कई सिफारिश की थी.
क्या थी लोढ़ा कमिटी की सिफारिशे ?
क्रिकेट में सट्टेबाजी को कानूनी बनाया जाये लेकिन इसमें बीसीसीआई, आईपीएल से जुड़ा कोई व्यक्ति और टीम मैनेजर नहीं शामिल हो सकते है. कमिटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि आईपीएल और बीसीसीआई की गवर्निंग काउंसिल अलग अलग हो.
बीसीसीआई और राज्य एसोसिएशन पर एक ही सदस्य की दोहरी भूमिका पर सवाल खड़ा किया था. कमिटी ने सिफारिश में कहा कि एक ही शख्स दो संगठनों यानि बीसीसीआई और राज्य एसोसिएशन के पद पर नहीं बन सकता है.
BCCI प्रशासन और प्रबंधन अलग-अलग हो
खिलाड़ियों के लिए प्लेयर्स एसोसिएशन और उनके संविधान बनाया जाये लेकिन इस बात का ध्यान भी रखा जाये की खिलाड़ी कोई यूनियनबाजी न करे. पूर्व गृह सचिव जी के पिल्लई के नेतृत्व में एक स्टीयरिंग समिति बने जिसमें पूर्व क्रिकेटर मोहिंदर अमरनाथ ,अनिल कुंबले और डायना एजी सदस्य होंगे.
बीसीसीआई में एक स्वतंत्र लोकपाल हो की जो खिलाड़ियों, सदस्यों और जनता की शिकायतों का निपटारा करे. विधायिका इस बारे में विचार करे कि क्या बीसीसीआई को आरटीआई के दायरे में लाया जाये या नहीं.