October 21, 2024
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किसी की मां मजदूर, तो किसी के पिता ने छोड़ी थी नौकरी मिलिए वर्ल्ड कप जीतने वाली टीम इंडिया की 11 योद्धा

किसी की मां मजदूर, तो किसी के पिता ने छोड़ी थी नौकरी मिलिए वर्ल्ड कप जीतने वाली टीम इंडिया की 11 योद्धा

  • WRITTEN BY: Vikas Rana
  • LAST UPDATED : January 30, 2023, 2:03 pm IST
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नई दिल्ली। भारत ने आईसीसी अंडर- 19 महिला टी20 विश्व कप का खिताब अपने नाम कर लिया है। रविवार को साउथ अफ्रीका के पॉचेफस्ट्रूम में खेले गए फाइनल मुकाबले में महिला भारतीय टीम ने इंग्लैंड को 7 विकेट से हरा दिया, इस जीत के साथ ही भारतीय महिला टीम का वर्ल्ड कप को जीतने का सपना भी पूरा हो गया। भारतीय टीम की सभी  खिलाड़ियों ने कप को जिताने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई हैं।

जहां कप्तान शेफाली वर्मा ने फ्रंट से टीम को लीड किया, वही उप-कप्तान श्वेता सेहरावत ने भी धमाकेदार बैंटिग के जरिए टीम को जीत दिलाया। विभिन्न मुश्किल भरी पृष्टभूमियों से आने वाली इन सभी खिलाड़ियों ने इतिहास भी रच दिया हैं। बता दें, इससे पहले भारत की सीनियर हो या जूनियर महिला टीम किसी ने अभी तक यह खिताब नहीं जीता था। तो आइए जानते है उन 10 खिलाड़ियों के बारे में जो इस चैम्पियन टीम का हिस्सा रही हैं।

शेफाली वर्मा – टीम की कप्तान शेफाली वर्मा ने इस पूरे टूर्नामेंट में गेंद और बल्ले से शानदार खेल दिखाया। शेफाली ने 15 साल की उम्र में ही सीनियर टीम के लिए डेब्यू कर लिया था। रोहतक की रहने वाली शेफाली वीरेंद्र सहवाग की तरह खतरनाक बैटिंग के तौर पर टीम में जानी जाती हैं। शेफाली ने लड़कों के साथ प्रैक्टिस करते हुए क्रिकेट खेलने की शुरुआत की थी।

श्वेता सहरावत – श्वेता सेहरावत मुख्यता दिल्ली की रहने वाली हैं। श्वेता ने इस टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा रन बनाने वाली बल्लेबाज रही हैं। टीम की उप-कप्तान श्वेता ने सात मुकाबलों में 99 की औसत के साथ 297 रन बनाए हैं।

सौम्या तिवारी – मैच में फाइनल मुकाबले में मिडिल ऑर्डर बल्लेबाज सौम्या तिवारी ने नाबाद 24 रनों की उपयोगी पारी खेली। भोपाल की रहने वाली सौम्या पूर्व कप्तान विराट कोहली की बड़ी फैन हैं।

गोंगाडी त्रिशा – त्रिशा का जन्म तेलंगाना के छोटे से गांव बद्राचलम में हुआ था। गोंगाडी त्रिशा के पिता ने बेटी के क्रिकेट करियर को बनाने के लिए अपनी नौकरी छोड़ दी थी, नौकरी के बाद गोंगाडी का पूरा परिवार हैदराबाद में शिफ्ट हो गया था। त्रिशा ने फाइनल में 24 रन बनाकर टीम को जिताने में प्रमुख भूमिका निभाई।

ऋचा घोष – ऋचा ने 16 साल की उम्र में ही सीनियर टीम में अपनी जगह बना ली थी। ऋचा घोष टीम में बड़े शॉट्स खेलने के अलावा एक अच्छे विकेटकीपिंग के तौर पर खेलती है। सिलीगुड़ी की रहने वाली ऋचा ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टी 20 सीरीज में भी कुछ धमाकेदार पारियां भी खेली थी।

हर्षिता बसु – हावड़ा में पैदा हुई हर्षिता बसु मैदान में काफी ज्यादा एक्टिव रहती है। इनके पास निचले क्रम में आकर तेजी से रन स्कोर करने की क्षमता भी है। स्कूप शॉट बसु के पसंदीदा शॉट्स में से एक हैं।

टिटास साधु – पश्चिम बंगाल से आने वाली टिटास साधु प्लेअर ऑफ द मैच रही है। इसके अलावा टिटास साधु दिग्गज गेंदबाज झूलन गोस्वामी की तरह गेंद को स्विंग और बाउंस करने की काबिलियत रखती है। साधु को भारतीय टीम का भविष्य भी कहा जाता हैं।

मन्नत कश्यप-  मन्नत कश्यप का प्रदर्शन भी इस मैच में काफी शानदार रहा। मन्नत कश्यप ने 6 मैचों में 10.33 के एवरेज से कुल 9 विकेट लिए पंजाब के पटियाला में पैदा हुईं मन्नत कश्यप ने बचपन में ज्यादातर क्रिकेट लड़कों के साथ खेला। मन्नत कश्यप की कजिन नूपुर कश्यप भी स्टेट लेवल के क्रिकेट में खेलती हैं।

अर्चना देवी-  18 साल की अर्चना देवी ने भी मैच में अहम भूमिका निभाई हैं। अर्चना देवी ने सभी सात मैचों में भाग लिया और इस दौरान उन्होंने कुल आठ विकेट हासिल किए। अर्चना ने काफी संघर्ष के बाद क्रिकेट को खेला है, बता दें, अर्चना की मां दूसरे के खेतों में मजदूरी करके अर्चना को खिलाड़ी बनाया।

पार्श्वी चोपड़ा- दाएं हाथ की लेग स्पिनर पार्श्वी चोपड़ा इस टूर्नामेंट भारत की ओर से सबसे ज्यादा विकेट लेने वाली गेंदबाज रहीं। पार्श्वी ने 6 मुकाबले खेलकर सात की औसत से 11 विकेट चटकाए। पार्श्वी पहले स्केटिंग करना चाहती थीं लेकिन पिता के कहने पर उन्होंने क्रिकेटर बनने की ठानी।

सोनम यादव – फिरोजाबाद से ताल्लुक रखने वाली सोनम यादव के पिता एक मजदूर हैं। सोनम के भाई को भी क्रिकेट में दिलचस्पी थी, लेकिन उनका करियर उड़ान नहीं भर पाया आगे चलकर उनकी बहन एक सफल क्रिकेटर बनी। बाएं हाथ  की स्पिनर सोन अपनी स्पीड में मिश्रण करती हैं और उन्हें फ्लाइट से बल्लेबाजों को आउट करने में महारत हासिल हैं।

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