गडकरी का दिवाली धनमंत्र: कूड़े से हो सकते हैं मालामाल, नागपुर में सीवर से 17 करोड़ की कमाई
गडकरी का दिवाली धनमंत्र: कूड़े से हो सकते हैं मालामाल, नागपुर में सीवर से 17 करोड़ की कमाई
नई दिल्ली: दिवाली के मौके पर घर की साफ-सफाई की जाती है ताकि घर में मां लक्ष्मी का वास हो. लेकिन इस दौरान बड़े स्तर पर घरों से कूड़ा भी निकलता है. कूड़े का सही तरीके से निष्पादन कैसे करें इसके लिए आज भी हमारे समाज में जानकारी का अभाव है. कूड़े के सही निष्पादन […]
October 18, 2017 12:32 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago
नई दिल्ली: दिवाली के मौके पर घर की साफ-सफाई की जाती है ताकि घर में मां लक्ष्मी का वास हो. लेकिन इस दौरान बड़े स्तर पर घरों से कूड़ा भी निकलता है. कूड़े का सही तरीके से निष्पादन कैसे करें इसके लिए आज भी हमारे समाज में जानकारी का अभाव है. कूड़े के सही निष्पादन से आप कैसे बन सकते हैं मालामाल इस बारे में इंडिया न्यूज के एडिटर-इन-चीफ दीपक चौरसिया ने केंद्रीय सड़क परिवहन राज्यमार्ग मंत्री नितिन गडकरी से खास बातचीत की. नीतिन गडकरी गंगा सफाई मामलों के भी मंत्री हैं और उनके कई सुझाव नगर निगम ने भी अपनी कार्यशैली में शामिल किए हैं. गीले और सूखे कचरे को लेकर नितिन गडकरी ने कहा कि कूड़े को अलग-अलग रखना सीखना होगा. उन्होंने कहा कि ऑर्गेनिक कचरे को दूसरे कचरे से अलग रखना होगा. प्लास्टिक और मेटल के कचरे को अलग रखना होगा. उन्होंने ये भी कहा कि पीएम मोदी के स्वच्छ भारत अभियान के बाद लोगों में सफाई को लेकर जागरूक्ता आई है.
कचरे से पांच लाख करोड़ की कमाई हो सकती है- गडकरी
नितिन गडकरी ने कहा कि कचरे की अर्थव्यवस्था देश की पांच लाख करोड़ की अर्थव्यवस्था बन सकती है. साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि कचरे की इकनॉमी से करीब ढाई लाख लोगों को रोजगार भी मिल सकता है. नितिन गडकरी के मुताबिक नागपुर में 6-7 साल पहले हमने एक नया काम शुरू किया. हमने तय किया कि हम सीवर के पानी को उर्जा बनाने के लिए इस्तेमाल करेंगे. आज नागपुर नगर निगम सीवर के पानी से 18 करोड़ रूपये सालाना की रॉयल्टी की कमा रही है. अब हम इस पानी से मीथेन निकालने पर काम कर रहे हैं ताकि उससे co2 निकालकर बायो सीएनजी बनाई जा सके. हम कोशिश कर रहे हैं कि इस कम से कम इतनी बायो सीएनजी का उत्पादन कर सकें ताकि उससे 50 बसें चलाई जा सके.
नितिन गडकरी ने कहा कि गंगा के साथ वो 89 ऐसे प्रोजेक्ट कर रहे हैं जो सीधे शहरों से जुड़े हुए हैं. उन्होंने कहा कि इनमें भी हम पानी से मीथेन निकालकर बायो सीएनजी बनाने की योजना पर काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि इससे कम से कम पांच हजार बसें बायो सीएनजी पर बन सकेगी.