नई दिल्ली: बीजेपी का मिशन हिम केरल अभियान को मिशन 2019 के तहत बीजेपी कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक कमल खिलाना चाहती है. उत्तर भारत में पार्टी की पकड़ मजबूत है लेकिन दक्षिण भारत में पार्टी कमजोर है लिहाजा साउथ की सियासत में एंट्री करने के लिए बीजेपी ने कमर कस ली है और इसी के मिशन के तहत केरल में अमित शाह ने चुनावी शंखनाद कर दिया है.
बीजेपी की सबसे पावरफुल जोड़ी ने आज हिमाचल और केरल में पार्टी की जमीन पुख्ता करने के लिए सियासी शंखनाद किया. पीएम मोदी ने हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर में एम्स की आधारशिला रखी तो केरल में राजनीतिक हिंसा के खिलाफ अमित शाह ने जनरक्षा यात्रा की शुरुआत की.
असल में बीजेपी की जनरक्षा यात्रा 17 अक्तूबर को तिरूवनंतपुरम में समाप्त होगी. ये यात्रा केरल के 14 में से 11 जिलों से होकर गुजरेगी. इसके अलावा रोजाना यात्रा के दौरान कोई ना कोई मंत्री या मुख्यमंत्री कार्यकर्ताओं के साथ होगा. दिल्ली में भी सीपीएम के ऑफिस के बाहर विरोध प्रदर्शन होगा. साथ ही सभी राज्यों की राजधानियों में भी विरोध प्रदर्शन किये जाएंगे.
केरल में अमित शाह की रैली में मौजूद ये भीड़ यकीनन बीजेपी के सियासी सपनों कों पंख दे रहे होंगी. बीते दो विधानसभा चुनावों में केरल में बीजेपी का वोट प्रतिशत 6 फीसदी से बढ़कर10 फीसदी हुआ है बीते साल हुए विधानसभा चुनाव में पार्टी को एक सीट भी मिली थी. बीते कुछ महीनों में केरल में बीजेपी और RSS कार्यकर्ताओं की हत्याएं भी हुईं है लिहाजा पार्टी ने सूबे में हिन्दू समेत इसाई लोगों को एक साथ लाने की कोशिश की है. जिसके लिए पार्टी को ये सबसे मुफीद वक्त लग रहा है.
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