नई दिल्ली: राम नाम की महिमा अपरंपार है और हर किसी के लिए एक प्रेरणा है. कहते हैं मरा मरा कहने वाला रत्नाकर डाकू जब राम राम कहने लगता है तो महर्षि वाल्मीकि बन जाता है. केवल राम नाम का स्मरण करके हम जीवन के कष्टों का निवारण कर सकते हैं. समस्या के आने पर, विपत्तियों से घिरने पर ‘हे राम’ या फिर ‘अरे राम’ सहसा ही हमारे मुख से निकल पड़ता है.
जब-जब धरती पर त्राहि-त्राहि मची, अत्याचारियों के अत्याचार बढ़े, तब-तब भगवान ने अवतार लिया और धरती से पाप व अत्याचार को मिटाकर धरती का उद्धार किया. इस दो अक्षर से बने राम नाम की महिमा भी अपरंपार है. इंडिया न्यूज ने आज राम से जुड़े हुए पलों को जीवांत करने की कोशिश की, जो अक्सर हम सब के दिलों को छू जाते हैं. रामलीला के माध्यम से सालभर के ये 9 दिन उनको याद करते हैं.
इंडिया न्यूज राम लीला के कुछ पलों को आपके सामने रख रहा है. जिसमें राम का किरदार विशाल ने निभाया है. सीता की भूमिका में शुभिहैं, लक्ष्मण का किरदार अरुण, हनुमान का किरदार देवव्रत, रावण का किरदार परवेश हैं. मौजूदा समय में रामलीला के असर को समझिए. जीवन में राम का नाम उतना ही महत्वपूर्ण है, जीतना सांस लेना. क्योंकि उनकी बिना इजाजत के तो पत्ता तक नहीं हिलता.
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