नई दिल्ली: राम रहीम के डेरे की तलाश में यमराज की एक मूर्ति मिली है, जिसे राम रहीम ने जंजीरों से बांध रखा था. खबर है कि शनि की मूर्ति को राम रहीम ने अपने आश्रम में कहीं उल्टा लटका रखा है. ये सब काम ठीक वैसा ही है जैसा कभी रावण ने अपनी लंका में कर रखा था. तंत्र-मंत्र के जानकारों ने खुलासा किया है.
यमराज की प्राण-प्रतिष्ठा वाली मूर्ति को डेरा के अंदर मेन गेट के नजदीक दाहिनी तरफ है. कहते हैं राम रहीम से पहले यमराज को जंजीर में बांधने का प्रमाण रामायण में मिलता है. रावण ने भी यमराज और शनि को जंजीरों में बांध कर रखा था. रामायण में इस बात का जिक्र है कि जब हनुमान ने सोने की लंका को फूंक डालने के लिए के लिए अपनी पूंछ में आग लगाई और घूम-घूम कर इस आग को लंका में लगाने लगे तो आग लग ही नहीं रही थी क्योंकि रावण ने शनि को उल्टा टांग रखा था और यमराज को बांध कर रखा था.
जंजीर में बंधी काल की इस मूर्ति इस बात का सबूत है कि राम रहीम भी ऐसा ही सोचता था. लेकिन रावण महापंडित था, महाविद्वान था. उसका ज्ञान उसकी ताकत उसके गलत कामों पर भारी थी लेकिन राम रहीम निठल्ला अज्ञानी, गुरुर में रहने वाला और सोच इतनी गंदी थी जिसके बारे में आप सब सुन चुके हैं और कोर्ट के फैसले में सच सामने आ भी गया है.
ख़बर है कि राम रहीम ने यमराज मतलब काल की मूर्ति को बांधने से पहले मूर्ति की विधिवत् प्राण प्रतिष्ठा कराई. फिर तंत्र-मंत्र के जरिए भी उसे बांधा और, जानबूझकर डेरा में अपने गेट के बगल में उसने काल की मूर्ति को बांध कर रखा ताकि यहां आने वाले लोग ये देख पाएं कि राम रहीम में इतनी ताकत है कि वो काल को भी बांध सकता है. और डेरे के अंदर ही कहीं गुप्त जगह पर शनि की मूर्ति को भी उल्टा टांग रखा है.
तंत्र मंत्र के जानकार कहते हैं कि काल को जंजीरों में बांधने का मतलब सिर्फ इतना ही नहीं. जरूर राम रहीम अपने डेरा में उल्टी-सीधी तांत्रिक क्रियाएं करता होगा तभी उसने ऐसा किया. राम रहीम काल और शनि के जरिए कई तरह की तांत्रिक क्रियाएं करता था. वो लोगों को अपना खून शरबत में मिलाकर पिलाता था ताकि वो उसके वश में आ जाएं. वो अपने लॉकेट से लोगों को वश में करता था.
राम रहीम के डेरे में बंधे इस यमराज की मूर्ति के बारे में उसके करीबी भक्तों को अच्छे से पता है लेकिन शायद उन भक्तों को ये नहीं पता था कि राम रहीम ऐसे उटपटांग काम क्यों करता था ? दरअसल जब आप मिलान करने बैठेंगे तो रावण की लंका और राम रहीम के डेरा में कोई खास अंतर नहीं. लंका के बारे मे जैसा सुना गया कमोबेश वैसा ही हालत राम रहीम के डेरे की है. यहां बेहिसाब दौलत, खुद को ईश्वर से भी बड़ा बताने का दुस्साहस, बेहिसाब अत्याचार और ताकत के अभिमान का अंतहीन सिलसिला देखने को मिलता है.
इन्हीं तंत्र-मंत्र की साधना से सिर्फ 17 साल में बाबा ने करीब 200 करोड़ को 10 हजार करोड़ में बदल डाला. दुनिया का कोई बैंक या कोई बिजनेसमैन भी ऐसा अजूबा शायद ही कर पाए जैसा राम रहीम ने किया लेकिन अब इस पूरे खेल में काला जादू का एक एंगल सामने आ रहा है.