सुपर ह्यूमन बनने वाला अय्याश राम रहीम अब कभी ‘हवा’ में नहीं उड़ पाएगा

रियल लाइफ में अय्याश और फिल्मों में सुपर ह्यूमन. अपनी यही छवि बनाई थी राम रहीम ने, लेकिन अब राम रहीम ना तो सिस्टम हिला सकेगा और ना ही लव चार्जर गा सकेगा. उसकी हीरोगीरी पर फुलस्टॉप लगा दिया गया है.

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सुपर ह्यूमन बनने वाला अय्याश राम रहीम अब कभी ‘हवा’ में नहीं उड़ पाएगा

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  • September 3, 2017 5:01 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago
नई दिल्ली: रियल लाइफ में अय्याश और फिल्मों में सुपर ह्यूमन. अपनी यही छवि बनाई थी राम रहीम ने, लेकिन अब राम रहीम ना तो सिस्टम हिला सकेगा और ना ही लव चार्जर गा सकेगा. उसकी हीरोगीरी पर फुलस्टॉप लगा दिया गया है.
 
फिल्मों में उलूल-जुलूल एक्टिंग और बेसुरे गीतों से बोर करने वाले राम रहीम पर फिल्म इंडस्ट्री ने कड़ा एक्शन लिया है. राम रहीम की हीरोगीरी हमेशा-हमेशा के लिए बंद कर दी गई है. उसके बेसुरे गाने ना तो कानों में चुभेंगे और ना ही बलात्कारी बाबा के डायलॉग किसी के सिर में दर्द करेंगे.
 
उसकी ऊटपटांग एक्टिंग पर भी ब्रेक लगा दिया गया है. जेल में बंद बलात्कारी राम रहीम और उसकी साया हनीप्रीत को एक्टिंग का जो कीड़ा लगा था, उसे खत्म कर दिया गया है और ये हंटर चलाया है IFTDA और सिनटा (CINTAA) ने राम रहीम को गाने का शौक था. उसे एक्टिंग का चस्का था और डायरेक्टर बनने का भूत भी उसके सिर पर सवार था.
 
वो जबतक जेल से बाहर था, उसने अपने ये सारे शौक पूरे किए. स्क्रिप्टिंग से लेकर सिंगिंग और फिर एक्टिंग तक खुद ही करता था. ऐसा कम ही दिखता है, जब सिनेमा के पर्दे पर एक फिल्म में एक साथ इतने किरदार और जिम्मेदारियां किसी एक शख्स के जिम्मे हों, लेकिन राम रहीम ने जो चाहा, वो किया.
 
हालांकि अब जेल की सलाखों के पीछे पहुंचने के बाद उसकी हसरतों पर पानी फिर गया. क्योंकि सिनटा यानि सिने एंड टीवी आर्टिस्ट एसोसिएशन ने राम रहीम का वर्क परमिट रद्द कर दिया है. जबकि भारतीय फिल्म एंड टेलीविजन डायरेक्टर्स एसोसिएशन यानि IFTDA ने राम रहीम और हनीप्रीत की आजीवन सदस्यता रद्द कर दी है.
 
इसका सीधा मतलब है दोनों ही अब जिंदगी भर ना तो फिल्म बना पाएंगे और ना ही एक्टिंग कर पाएंगे. जेल से बाहर आने के बाद भी नहीं है. फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े इन दोनों ही संगठनों ने राम रहीम को गुंडा और आपराधिक किस्म का बताया. साथ ही साफ किया कि इसकी असली जगह कैमरे की चमक नहीं बल्कि जेल की सलाखें ही हैं.
 
बलात्कारी राम रहीम की असल दुनिया में जितना आडंबर और ढोंग था. कुछ वैसा ही उसने फिल्मों में भी आजमाने की कोशिश की है और उसे कैमरे की चमक इस कदर भायी कि उसने दो साल के भीतर 5 फिल्में बना डालीं है.
 

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