नई दिल्ली: भारत को अमेरिका से ऐसा जासूस महायोद्धा मिलने वाला है, जो आसमान से ही दुश्मन की हर गतिविधि पर नजर रखेगा और उसकी सूचना पर टार्गेट को तबाह और बर्बाद कर देगा. ये अमेरिका के सबसे एडवांस्ड और पावरफुल ड्रोन में से एक है. इसका नाम प्रिडेटर सी गार्डियन यानी समंदर में दुश्मन का सबसे बड़ा काल है. सी गार्डियन ड्रोन यानी समंदर में दुश्मन की सबसे बड़ी शामत. अब चीन के सिर पर भी यही शामत चौबीसों मंडराती रहेगी क्योंकि हिंदुस्तान में आ रहा है अमेरिका का सबसे एडवांस ड्रोन सी गार्डियन ये ड्रोन हिंद महासागर में हजारों फीट की ऊंचाई से चीन की एक एक हरकत पर नजर रखेगा. चीन के जंगी जहाजों की जासूसी करेगा और सेना के कंट्रोल रूम को सेकंड सेकंड पूरा अपडेट मुहैया करवाएगा.
अमेरिका से भारत को 22 सी गार्डियन ड्रोन मिलेंगे. ये डील 12 हजार 818 करोड़ रुपए में पक्की हुई है यानी करीब 583 करोड़ रुपए का एक ड्रोन. सौदा महंगा है पर देश की सुरक्षा के लिहाज से ये ड्रोन बेहद कारगर बताए जा रहे हैं. आसमान से दुश्मन पर नजर रखने वाले ऐसे जासूस योद्धा को ज्यादा से ज्यादा सेना में शामिल करने के लिए मोदी सरकार लगातार कोशिश कर रही है. हाल ही में भारत ने इजराइल से हेरॉन ड्रोन की एक बड़ी डील की है. इसके तहत भारत को इजराइल से 10 हेरॉन ड्रोन मिलेंगे. ये डील 2 हजार 680 करोड़ रुपए में पक्की हुई है. हेरॉन ड्रोन को किलर ड्रोन भी कहते हैं क्योंकि ये न सिर्फ दुश्मन पर नजर रखता है बल्कि जरूरत पड़ने पर मिसाइल हमले से टार्गेट को तबाह भी कर सकता है. इजराइल के हेरॉन ड्रोन को अमेरिका के सी गार्डियन ड्रोन की टक्कर का माना जाता है लेकिन अमेरिका का कहना है भारत को ड्रोन देने से इजराइल से हुई डील पर कोई असर नहीं पड़ेगा. खास बात ये है कि नाटो देशों के अलावा भारत ऐसा पहला देश है जिसे अमेरिका से ये ड्रोन मिल रहे हैं. गार्डियन ड्रोन की डील पर अमेरिका से बातचीत तो तभी से चल रही थी जब ओबामा अमेरिका के राष्ट्रपति थे लेकिन इस डील को हरी झंडी प्रधानमंत्री मोदी के हालिया अमेरिका दौरे पर मिली. इस दौरान मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के बीच गार्डियन ड्रोन पर समझौता हुआ. जिसके तहत भारत को आने वाले वक्त में 22 गार्डियन ड्रोन मिलने वाले हैं.
बेशक गार्डियन ड्रोन की डील ने भारत और अमेरिका के रक्षा संबंधों को और मजबूती दी है. सीगा यानी सी गार्डियन ड्रोन को समंदर में चीन की चुनौती का सबसे कारगर जवाब माना जा रहा है. ये चीन के सबसे एडवांस ड्रोन सीएच-फाइव से ज्यादा तेज तर्रार है. चीन का सबसे ताकतवर ड्रोन सीएच-5 है. 5 ड्रोन की रफ्तार 300 किमी/घंटा है. ये 3 हजार किलो सामान लेकर 40 घंटे तक उड़ान भर सकता है. 900 किलो तक के हथियार साथ ले जा सकता है. .भारत के पास फिलहाल निशांत जैसे ड्रोन है लेकिन ये चीन के ड्रोन के मुकाबले कमजोर माने जाते हैं और यही वजह है कि भारत अमेरिका और इजराइल जैसे देशों से अत्याधुनिक ड्रोन खरीद रहा है.
ताकि जंग की हालत में बिना किसी नुकसान के दुश्मन का सामना किया जा सके. कहते हैं जंग में उसी की जीत होती है जिसकी हवाई ताकत मजबूत होती है. इसके लिए लड़ाकू विमानों और फाइटर हेलिकॉप्टर्स पर सबसे ज्यादा भरोसा किया जाता है पर उसमें खतरा ये होता है कि दुश्मन की नजर पड़ने वो निशाने पर आ सकते हैं और पायलट की जान पर संकट आ सकता है पर कर्योंकि ड्रोन को उड़ाने के लिए किसी पायलट की जरूरत नहीं होती इसलिए दुश्मन के टार्गेट पर आने के बावजूद किसी की जान का खतरा नहीं होता. गार्डियन ड्रोन से न सिर्फ हिंद महासागर इलाके में भारत की निगरानी क्षमता में इजाफा होगा बल्कि इससे चीन के साथ ‘पावर बैलेंस’ बनाने में भी मदद मिलेगी. दरअसल भारत की समुद्री सीमा करीब 7,500 किमी लंबी है. इसमें हिंद महासागर की सीमा पर चीन का खतरा सबसे ज्यादा है. चीन ने हिंद महासागर में भारत की समुद्री सीमा के नजदीक अपने जंगी जहाज और पनडुब्बियां तैनात कर रखी हैं ताकि भारतीय नौसेना की जासूसी कर सके. इसलिए भारत को भी गार्डियन जैसे ड्रोन की जरूरत है जो चीन की हर हरकत पर खुफिया नजर रख सके.