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भारतीय नौसेना का ऐसा ‘ब्रह्मास्त्र’, जो समंदर के गहरे पानी में बिजली की तरह दौड़ता है

आजादी के 70 साल के मौके पर इंडिया न्यूज के स्पेशल शो में आपको भारतीय नौसेना की उन पनडुब्बियों के बारे में बताएगा, जो सबसे बेहतरीन पनडुब्बी हैं. ये पनडुब्बियां INS सिंधुघोष और INS शिशुमार हैं. ये वो भारतीय नौसेना के 'अदृश्य' ब्रह्मास्त्र हैं, जिनके आगे दुश्मन टिक नहीं पाएगा.

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  • August 14, 2017 5:12 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago
नई दिल्ली: आजादी के 70 साल के मौके पर इंडिया न्यूज के स्पेशल शो में आपको भारतीय नौसेना की उन पनडुब्बियों के बारे में बताएगा, जो सबसे बेहतरीन पनडुब्बी हैं. ये पनडुब्बियां INS सिंधुघोष और INS शिशुमार हैं. ये वो भारतीय नौसेना के ‘अदृश्य’ ब्रह्मास्त्र हैं, जिनके आगे दुश्मन टिक नहीं पाएगा.
 
पनडुब्बी यानी वो हथियार, जो दुश्मन की नजरों से बचकर, गहरे समंदर के अंदर से दुश्मन पर हमला करके उसे नेस्तनाबूद कर देता है. पनडुब्बी यानी वो ताकत, जिसकी समंदर में मौजूदगी दुश्मन के हौसले पस्त कर देती है.
 
जितनी ताकतवर INS सिंधुघोष है, उससे कहीं ज्यादा मजबूत इसमें रहने वाले जवानों का हौसला है, क्योंकि देश के लिए जान देने को तैयार रहने वाले नौसेना के जवान पनडुब्बी में रहते हुए 60 दिनों तक सूरज की रोशनी नहीं देख पाते. पनडुब्बी के अंदर ही उनकी अपनी एक दुनिया बस जाती है.
 
अब बात भारतीय नौसेना की अगली घातक पनडुब्बी INS शिशुमार की. जर्मन तकनीक से बनी ये पनडुब्बी समंदर में दुश्मन जहाज के लिए घातक तो है ही, साथ ही नौसैनिकों की सुरक्षा के लिए इसमें खास इंतजाम किए गए हैं.
 
INS शिशुमार भारतीय नौसेना की सबसे पुरानी और घातक पनडुब्बियों में से एक है. INS सिंधुघोष और INS शिशुमार को लगभग एक साथ ही भारतीय नौसेना में शामिल किया गया था, लेकिन दोनों की बनावट में सबसे अहम अंतर ये है कि INS सिंधुघोष को रूसी तकनीक से तैयार किया गया है जबकि INS शिशुमार में जर्मन तकनीक का इस्तेमाल हुआ है.
 
INS शिशुमार क्लास की पनडुब्बी की खासियत ये है कि सिर्फ इसी क्लास की पनडुब्बी में इमरजेंसी एक्जिट किट है, जिसकी मदद से एक साथ सभी लोग बाहर निकल सकते हैं यानी आपात हालत होने पर एक साथ पनडुब्बी में सवार सभी नौसैनिक सुरक्षित पनडुब्बी से अलग होकर बाहर आ सकते हैं.
 
INS शिशुमार INS सिंधुघोष की तुलना में छोटी पनडुब्बी है. INS शिशुमार में एक साथ 50 नौसैनिक सवार हो सकते हैं, जबकि INS सिंधुघोष में 90 नौसैनिक एक साथ रह सकते हैं. शिशुमार की रफ्तार 18 नॉट है, जबकि सिंधुघोष की 17 नॉट है.
 
INS सिंधुघोष तीन मंजिला है जबकि INS शिशुमार एक ही तल का है. आकार में छोटा होने के बावजूद INS शिशुमार में ऐसी कई खूबियां हैं जो इसे हाईटेक सबमरीन का दर्जा दिलाती हैं.
 
INS शिशुमार में 8 टारपीडो ट्यूब है, जिसकी छमता 25 से 30 किलोमिटर की है. इसमें सरफेस मिसाइल भी लोड हो सकते है. INS शिशुमार का कंट्रोल रूम सिंधुघोष के मुकाबले काफी हाईटेक है. तीस साल पुरानी पनडुब्बी भारतीय सेना अब भी पलक झपकते ही दुश्मन के बेड़े को नेस्तनाबूद करने का माद्दा रखती है.
 

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