नई दिल्ली: चीन की वो गिरगिट चाल जो एक बार फिर नाकाम हो गई है. डोकलाम विवाद पर चीन ने पहले तो भारत को डराने धमकाने की कोशिश की. फिर भी नतीजा नहीं निकला तो उसने ऐसा झूठा बयान जारी कर दिया. जिस पर खुद चीन वालों के लिए भी भरोसा करना मुश्किल है. डोकलाम पर क्या कहा चीन ने और क्यों हो रही है उसकी फजीहत.
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का ये बयान चीन और पाकिस्तान दोनों के लिए करारा जवाब माना जा रहा है. सुषमा स्वराज ने साफ-साफ कहा कि दुनिया का कोई भी देश युद्ध नहीं चाहता क्योंकि सबकी प्राथमिकता विकास है. जाहिर है भारत ने पड़ोसी देशों के साथ विवाद पर अपना नजरिया साफ कर दिया है पर चीन है कि अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा.
डोकलाम में अपनी भारी फजीहत से भन्नाए चीन ने अब झूठ और फरेब की नई चाल चली है. एक ऐसी चाल जो पहले ही कदम पर औंधे मुंह धराशाई हो गई. दरअसल चीन का दावा है कि डोकलाम में भारत ने अपनी सेना पीछे हटानी शुरू कर दी है.
चीन के विदेश मंत्रालय ने इकोनॉमिक टाइम्स के हवाले से कहा है- डोकलाम सीमा पर पहले करीब 400 भारतीय सैनिक थे लेकिन अब उनकी संख्या घटकर सिर्फ 40 रह गई है. चीन दावा कर रहा है कि डोकलाम से भारत ने अपने ज्यादातर सैनिक पीछे बुला लिए हैं. ऐसा कहके चीन एक तरफ तो ये साबित करना चाहता है कि डोकलाम पर उसका दावा सही है.
दूसरी तरफ अपने देश और दुनिया को ये संदेश देना चाहता है कि इस पूरे मामले में जीत उसकी हुई है जो कि सरासर झूठ है. चीन ने अपने दावे को सही साबित करने के लिए डोकलाम की कुछ तस्वीरें जारी की हैं और साथ में 15 पन्नों का एक दस्तावेज भी.
करीब ढाई हजार शब्दों वाले इस दस्तावेज में चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा है-16 जून 2017 को चीन डोंग लांग (डोकलाम) इलाके में सड़क बनाना शुरू किया पर 18 जून को 270 से अधिक भारतीय सैनिक हथियारों समेत दो बुल्डोजर लेकर सिक्किम सेक्टर से डोका ला पास से सीमा पार करके आ गए.
भारतीय सैनिक सड़क बनाने के काम में बाधा डालने के मक़सद से चीनी इलाक़े में 100 मीटर अंदर तक घुस आए. बाद में भारतीय सैनिकों की तादाद 400 तक पहुँच गई थी. चीनी विदेश मंत्रालय के इस बयान से साफ है कि एक तरफ तो वो ये साबित करना चाहता है कि डोकलाम में घुसपैठ उसने नहीं भारत ने की और लगे हाथों वो ये भी जतलाना चाहता है कि चीन के दबाव के बाद अब भारतीय सेना डोकलाम से पीछे हटने लगी है.
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