संसद में गैरहाज़िरी के मामले पर रेखा-सचिन सहित 20 सांसदों को अमित शाह ने किया तलब

संसद में सांसदों की गैरहाज़िरी को लेकर पीएम मोदी की चेतावनी का असर होता नहीं दिख रहा है. सोमवार राज्यसभा में एक बार फिर बीजेपी के कई सांसद गैरहाजिर रहे. इसे लेकर सरकार की बड़ी किरकिरी हुई. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने इसे लेकर सांसदों को कड़ी फटकार लगाई है.

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संसद में गैरहाज़िरी के मामले पर रेखा-सचिन सहित 20 सांसदों को अमित शाह ने किया तलब

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  • August 1, 2017 5:45 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago
नई दिल्ली: संसद में सांसदों की गैरहाज़िरी को लेकर पीएम मोदी की चेतावनी का असर होता नहीं दिख रहा है. सोमवार राज्यसभा में एक बार फिर बीजेपी के कई सांसद गैरहाजिर रहे. इसे लेकर सरकार की बड़ी किरकिरी हुई. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने इसे लेकर सांसदों को कड़ी फटकार लगाई है.
 
शाह ने 20 सांसदों से गैरहाज़िरी की वजह पूछी है और उन्हें अलग से मिलने के लिए बुलाया है. अमित शाह ने सांसदों से चेतावनी भरे लहज़े में कहा कि कितनों का टिकट काटकर आपको संसद में भेजा गया है. सांसद इस बात का ख्याल रखें. बीजेपी के लिए परेशानी की बात ये है कि सोमवार को राज्यसभा की कार्यवाही के लिए उसने अपने सांसदों को व्हिप जारी किया गया था. बावजूद इसके कई सांसद सदन में मौजूद नहीं थे.
 
कल ही इस खबर को दिखाते हुए हमने आपको बताया था कि इस मामले में बीजेपी सांसदों की क्लास लग सकती है और आज वही हुआ. दरअसल सोमवार को राज्यसभा में ओबीसी आयोग को संवैधानिक दर्जा दिलाने को लेकर बिल पास होना था. बिल पर 4 घंटे तक चली बहस के बाद जब वोटिंग शुरू हुई तो विपक्ष ने इसमें एक संशोधन प्रस्ताव लगा दिया.
 
संशोधन प्रस्ताव पर वोटिंग हुई तो सत्ता पक्ष की स्थिति असहज हो गई. क्योंकि विपक्ष के प्रस्ताव के पक्ष में 75 वोट पड़े, जबकि विपक्ष में सिर्फ 54 वोट ही मिले. इसकी वजह से सरकार का बिल अपने मूल रूप में पास नहीं हो सका. इससे सरकार की बड़ी किरकिरी हुई.
 
संसद में क्यों हुई सरकार की किरकिरी ? सोमवार को राज्यसभा में ओबीसी आयोग को संवैधानिक दर्जा दिलाने को लेकर बिल पास होना था. समाजवादी पार्टी के नरेश अग्रवाल ने सांसद सचिन तेंदुलकर और रेखा का जिक्र करते हुए कहा कि ये दोनों राज्यसभा की कार्यवाही से अक्सर नदारद रहते हैं.
 
नरेश अग्रवाल ने कहा कि अगर सचिन और रेखा के पास संसद की कार्यवाही में शामिल होने के लिए वक्त नहीं है तो उनकी सदस्यता रद्द कर दी जाए. हालांकि इस पर राज्यसभा के उपसभापति ने कहा कि दोनों ने सदन की कार्यवाही से छुट्टी ले रखी है. इसलिए उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं हो सकती.
 
दरअसल सचिन तेंदुलकर और रेखा राज्यसभा के उन 12 सदस्यों में से हैं, जिन्हें राष्ट्रपति मनोनीत करते हैं. यूपीए सरकार के दौरान साल 2012 में सचिन तेंदुलकर और रेखा एक साथ राज्यसभा पहुंचे थे. तब से अबतक राज्यसभा की कार्यवाही 348 दिन चली है.
 
इसमें सचिन सिर्फ 23 दिन ही सदन की कार्यवाही में शामिल हुए हैं. जबकि रेखा 18 दिन संसद पहुंची हैं. मौजूदा मॉनसून सत्र में दोनों माननीय सांसद अब तक एक भी दिन सदन की बैठक में शामिल नहीं हुए हैं. पिछले बजट सत्र में भी दोनों एक-एक दिन ही संसद पहुंचे थे.
 
रेखा की खास बात ये है कि किसी भी सत्र में,  वो एक दिन से ज्यादा हाजिर नहीं रहीं. सांसद के नाते सचिन तेंदुलकर को अब तक 58 लाख 80 हजार रुपए सैलरी मिली है. जबकि रेखा को बतौर सांसद करीब 65 लाख रुपए सैलरी दी गई हैं.

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