नई दिल्ली: इंडिया न्यूज शो में आज बात करेंगे देश के उस हीरो के बारे में जिसे आज पूरा देश उसे सलाम कर रहा है. हम बात कर रहे हैं उस बस ड्राइवर सलीम की. जिसने अनंतनाग में आतंकियों के चंगुल से करीब पचास लोगों को बचाया है. आज इस स्पेशल रिपोर्ट में हम बात करेंगे सलीम से एक्सक्लूसिव बातचीत . लेकिन पहले उन लोगों के गम महसूस कर लेते हैं.
जिन्होंने आतंकी हमले में अपनों को खोया है. इस आतंक हमले में 7 अमरनाथ यात्रियों की जान चली गई. हम सबसे पहले बात करेंगे महाराष्ट्र के पालघर की रहने वाली उषा सोनकर के घर की आज इनके घर में मातम पसरा हुआ है. मां की मौत के बाद बिटिया के आंसू सूख नहीं थे कि सात भाइयों की अकेली बहन आतंकी हमले में मारी गई, भाइयों का कलेजा फटा जा रहा है.
अमरनाथ यात्रा से लौटते वक्त पालघर की ही रहने वाली निर्मला सिंह बेन भी आतंकी हमले का शिकार हुईं. न्यूज़ चैनल से बहू को सास की मौत की खबर मिली. तब से घर में आंसुओं का सैलाब उमरा है .निर्मला बेन के बेटे कहते हैं कि बहुत हुआ.जम्मू-कश्मीर में अब सेना को फ्री-हैंड देना चाहिए.
5 जुलाई को लक्ष्मी बेन के पोते का जन्मदिन था. तब पोते ने फोन कर दादी से आशीर्वाद लिया लेकिन उसके बाद फिर बात नहीं हुई. लक्ष्मी बेन का परिवार कायर पाकिस्तान को चूड़ियां पहनने की नसीहत दे रहा है. वलसाड की सुरेखा बेन भी अमरनाथ दर्शन कर लौट रही थीं. रास्ते में अनंतनाग में वो भी आतंकियों की गोलियों का शिकार हो गईं. सुरेखा बेन की मौत की खबर घर आई तो चारों तरफ उदासी छा गई.
आतंकियों ने एक बार फिर पीठ पीछे हमला किया. लेकिन हिंदुस्तानियों का हौसला कम नहीं हुआ है. जिन्होंने अपनों को खोया. वो पाकिस्तान को खुली चुनौती दे रहे हैं. अपनी सरकार से और कलेजा कड़ा करने को कह रहे हैं.