नई दिल्ली: सड़क पर बहते सैलाब का वीडियो इन दिनों काफी वायरल हो रहा है. उस राजस्थान की जो रेगिस्तान के लिए पूरी दुनिया में मशहूर है. लेकिन रेगिस्तान का ये शहर इन दिनों बारिश और बाढ़ से हलकान है. क्या यहां के लोगों की जिंदगियां बचाई जा सकेंगी ? या सैलाब इन्हें बहाकर ले जाएगा ? इन सवालों के जवाब बताएंगे ?
जरा सोचिए इन लोगों पर क्या बीत रही होगी इनकी धड़कनें कितनी तेज़ धड़क रही होंगी.जब इनकी जिंदगी और मौत के बीच फासला बेहद कम हो गया था. ये लोग सैलाब के बीच फंसे कैसे ? ये टैंकर इनकी पनाह का जरिया कैसे बना ? सबकुछ सिलसिलेवार तरीके से समझिए.
बारिश, बाढ़ और महातबाही से त्रस्त गुजरात के सुरेंद्रनगर जिले की हैं. जहां, लगातार 48 घंटे की बारिश के चलते सड़कों पर दरिया बह रहा है. दरअसल, सैलाब के बीचों-बीच टैंकर पर बैठे ये तीन लोग मोरबी जिले के धनाद गांव से दूध से भरे टैंकर को लेकर जा रहे थे.
बता दें कि गुजरात के पाटन जिले में तो इतनी बारिश हुई कि चारों तरफ पानी ही पानी नजर आ रहा है. सड़कें पानी में डूब चुकी हैं. शहर टापू में तब्दील हो चुका है. बस्ती-बस्ती पानी में समा चुकी है. सिद्धपुर के सर्किट हाउस में खड़ी इस गाड़ी की हालत देखिए. पूरा सर्किट हाउस पानी में डूबा हुआ है.
ऐसे में इस गाड़ी का आधा हिस्सा पानी में समा चुका है. रेलवे ट्रैक का तो हाल मत पूछिए. जगह-जगह ट्रैक के नीचे से मिट्टी बह गई है. ऐसे में ट्रेनों की आवाजाही ठप है और यात्री हलकान. बनासकांठा जिले का हाल तो और बेहाल है. भारी बारिश के चलते बाढ़ जैसे हालात हैं.
सड़कों पर पानी बह रहा है. चारों तरफ सिर्फ पानी ही पानी नजर आ रहा है. समेत कई जिले पानी-पानी हो चुके हैं. आलम ये है कि जलप्रलय से गुजरात में त्राहिमाम मचा है. लोगों को चिंता सता रही है कि शुरुआती जुलाई में ये हाल है. तो अभी अगस्त की बारिश तो बाकी है.