अमेरिकी पैसे पर पलने वाले पाकिस्तान को करारा जवाब देगा भारत

घर में नहीं दाने अम्मा चली भुनाने. पडोसी देश पाकिस्तान और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के लिए ये कहावत बिलकुल फिट बैठती है. पाकिस्तान अपने इन हालात के लिए खुद जिम्मेदार है. गरीबी, बेरोजगारी, भूखमरी से बिलबिलाता पाकिस्तान अपने इन हालात को देखकर भी अनदेखा करता है.

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अमेरिकी पैसे पर पलने वाले पाकिस्तान को करारा जवाब देगा भारत

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  • June 30, 2017 7:06 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago
नई दिल्ली: घर में नहीं दाने अम्मा चली भुनाने. पडोसी देश पाकिस्तान और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के लिए ये कहावत बिलकुल फिट बैठती है. पाकिस्तान अपने इन हालात के लिए खुद जिम्मेदार है. गरीबी, बेरोजगारी, भूखमरी से बिलबिलाता पाकिस्तान अपने इन हालात को देखकर भी अनदेखा करता है. क्योंकि उसने अपना निशाना भारत की बर्बादी पर लगा रखा है. 
 
सुबह से लेकर शाम और रात तक पाकिस्तान. यहीं ख्वाब देखता है कि वो कैसे भारत का बुरा कर सकता है. ये जानते हुए भी कि वो भारत के मुकाबले कही नहीं है. एक बार अगर भारत ने अपनी आंखे तरेर ली तो पाकिस्तान अपना वजूद तक नहीं खोज पाएंगा. 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान से अपील की थी कि वह भारत से लड़ने के बजाय गरीबी से लड़े जिसमें भारत भी उसकी पूरी मदद करेगा लेकिन इतनी बड़ी बात भी पाकिस्तान को समझ नहीं आई. पाकिस्तान के लोग खाने के लिए आपस में लड़ते हैं. 
 
किस मिट्टी के बने है पाकिस्तान के प्रधानमंत्री जिन्हे ना पड़ोसी मुल्क के पीएम की सलाह समझ आती है और नहीं ही. उस आवाम की उन्के सामने खुलेआम मंच से पाकिस्तान के हालात की धज्जिया उड़ाती है. 
 
नवाज शरीफ भारत के साथ रिश्तों को लेकर हाईलेवल मीटिंग कर रहे है. चीन के साथ सीमा विवाद को लेकर सामने आए ताजा हालात नवाज शरीफ को सुकून भी दे रहे होंगे. नवाज तो चाहते हैं कि भारत यूं ही उलझा रहे है. अपना घर सुलग रहा है इसकी फिक्र से ज्यादा नवाज को चिता है कि पड़ोसी देश भारत में चिंगारी भड़की है कि नहीं.
 
हाल में अमेरिका ने पाकिस्तान की फंडिंग पर रोक लगाने की बात कही है. ट्रंप प्रशासन ने पाकि‍स्तान को इस साल 34.4 करोड़ डॉलर की सहायता राशि देने का प्रस्ताव रखा है. इसमें 10 करोड़ डॉलर की सैन्य सहायता राशि शामि‍ल है. लेकिन 2016 के मुकाबले पाक को दी जाने वाली सहायता राशि में 19 करोड़ डॉलर यानी तकरीबन 1232 करोड़ रुपए की भारी भरकम कटौती शामि‍ल है.
 
एक बात और अमेरिकी विदेश मंत्रालय इस बात पर भी विचार कर रहा है कि पाकिस्तान को सैन्य उपकरणों की खरीद के लिए दी जाने वाली सहायता को सहायता की जगह कर्ज़ में बदल दिया जाना चाहिए. अभी तक पाकिस्तान अमेरिका के इस पैसों को खैरात समझकर इस्तेमाल कर रहा था लेकिन इसके बाद पाकिस्तान की अमेरिका से मिली मदद को सोच समझकर इस्तेमाल करना होगा.
 
(वीडियो में देखें पूरा शो)

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