नई दिल्ली: एक ऐसे वक्त में जब देश के अलग अलग हिस्सों में किसान प्रदर्शन कर रहे हैं और कई और मांगों के साथ साथ कर्ज माफ़ी की भी मांग कर रहे हैं, हम इस सवाल को पूछने का जोखिम उठा रहे हैं कि किसान के गले में लोनमाफ़ी का फंदा कब तक डालती रहेंगी सरकारें.
जोखिम इस बात का है कि हम किसान विरोधी करार दिए जा सकते हैं लेकिन हमारी दरख्वास्त है कि 20 मिनट निकालकर ये पूरा शो देखिएगा क्योंकि बात किसान के हक की है, विरोध की नहीं लेकिन किसानों की समस्या की गहराई में जाएं उससे पहले दो तस्वीरें आपके सामने रख रहा हूं .
यह तस्वीरें आपको बताएंगी कि इस देश का किसान अलग अलग सरकारों के हाथ कैसे तिल तिल मरता है, कहीं गोली खाकर मरता है तो कहीं सरकार की बेरुखी मारती है. मध्य प्रदेश पहले से सुलग रहा है, किसानों पर गोली तक चल चुकी, देश भर में हंगामा है औऱ इसी बीच कर्नाटक के हुगली में आज किसानों को मुआवज़े के तौर पर 100-100 रुपए के चेक थमा दिए गए.
बता दें कि राहुल गांधी मध्य प्रदेश में किसानों के हक की लड़ाई लड़ने की बात कर रहे हैं औऱ उधर कर्नाटक में उन्हीं की पार्टी की सरकार किसानों को 100-100 रुपए का चेक थमा रही है.देश के अन्नदाता से इससे भद्धा मज़ाक क्या हो सकता है.सरकारें इतनी निर्मम कैसे हो सकती हैं. सरकारों की निर्ममता का इतिहास पुराना है.
किसान आज भी सड़क पर मर नहीं रहा होता.लेकिन किसान का दर्द सियासत का ज़रिया भी है.मध्य प्रदेश में कैसे कांग्रेसी नेताओं ने किसान आंदोलन को बवाल में बदला, कैसे चिंगारी को आग का रुप दिया और कैसे किसानों के कंधे पर बंदूक रखकर मुख्यमंत्री की कुर्सी पर गोली चलाई, वो इस रिपोर्ट से समझिए.