मलाणा: हिंदुस्तान में ऐसा बहुत कुछ है, जो अद्भुत है और अपने भीतर ऐसे रहस्य, ऐसा सच और ऐसी खूबसूरती समेटे हुए है. जिससे आज भी ज्यादातर लोग वाकिफ नहीं हैं. दरअसल, हिंदुस्तान सिर्फ अलग-अलग संस्कृतियों और अलग-अलग परंपराओं का देश नहीं.
ये रहस्यों का देश है. ऐसे रहस्य जो चौंकाते हैं, जो अकल्पनीय हैं और जो वाकई अद्भुत हैं. अद्भुत भारत में आज हम आपको ले चलेंगे हिंदुस्तान के एक ऐसे गांव में. जहां देश का संविधान और देश का कानून नहीं चलता. यहां के लोग खुद को सिकंदर की फौज के सैनिकों का वंशज मानते हैं.
ये कहानी है उस गांव की जिसमें सुकून है, सौंदर्य है, संस्कार है और एक अलग सभ्यता है. हिमालय की गोद में खूबसूरत वादियों के बीच बसा ये गांव हिमाचल प्रदेश का वो गांव है. जिसके बारे में देश के ज्यादातर लोगों ने सुना ही नहीं होगा और अगर सुना भी होगा तो अपनी आंखों से देखा नहीं होगा.
ये मलाणा गांव है. जितना अलग इसका नाम है. उतनी ही जुदा है इसकी कहानी. बड़े-बड़े पहाड़, दुर्गम रास्ता और संकरी सड़कों के बीच से गुजरते हुए हम मलाणा गांव की सीमा तक पहुंचे तो कार छोड़ देनी पड़ती है, क्योंकि मलाणा गांव तक जाने के लिए पक्का रास्ता नहीं है.
करीब 2 से 3 किलोमीटर पैदल चलकर मलाणा गांव पहुंच जाते हैं. वहां की रंगत बिल्कुल अलग है. कई विदेशी यहां घूमते हुए मिल जाते हैं, इस गांव में सब अपनी धुन में हो जाते हैं लेकिन गांव के लोग हर किसी को घूरते रहते हैं लगातार और हमेशा.
मलाणा गांव में धुंआ दिन में तो घरों से निकलता है लेकिन चिलम से निकलता है. जैसे-जैसे रात जवां होती है. यहां की रोशनी में एक रंगीनी और एक नशा सा घुलने लगता है. मलाणा क्रीम, जो एक खास तरह की चरस होती है. इसको अलग अंदाज़ में इस्तेमाल किया जाता है.
देश और दुनिया भर के लोग इस मलाणा क्रीम को पाने के लिए खिंचे हुए यहां आते हैं और इसके सुरूर में ऐसा खोते हैं कि महीनों यहीं रुक जाते हैं. इन लोगों में सबसे ज्यादा संख्या इज़रायली और रशियन पर्यटकों की होती है. ये मलाणा क्रीम कितनी कीमती है, इसका अंदाज़ा सिर्फ इस बात से लगा लीजिए कि यहां आने वाले लोगों को ये मलाणा क्रीम 8 हजार रुपए प्रति तोला के रेट से मिलती है.
आप सोच रहे होंगे कि आखिर हिंदुस्तान के इस गांव में ड्रग्स का खुला खेल क्यों चल रहा है ? तो आपको बता दें कि जिसे मलाणा क्रीम कहते हैं. वो यहां के जंगलों में उगने वाले मारिजुआना यानी गांजा से बनाई जाती है और ये गांजा मलाणा गांव से कुछ दूर पार्वती वैली के जंगलों में अपने आप यानी नैचुरल तरीके से उगती है.
पुलिस और प्रशासन कई बार पार्वती वैली में जाकर एक ऑपरेशन के तहत गांजे की फसल बर्बाद कर आती है लेकिन ये फसल ऐसी ऊंचाई पर होती है. जहां जा पाना पुलिस के लिए भी आसान नहीं होती और इसलिए इस पर लगाम लगाना पुलिस के लिए मुश्किल होता है.
मलाणा गांव सिर्फ यहां की नैसर्गिक सुंदरता और मलाणा क्रीम के लिए नहीं जाना जाता. यहां की सबसे अलग चीज़ ये है कि यहां के लोग इसे सबसे पुराना लोकतंत्र कहते हैं. इनकी अपनी संसद है, अपना कानून है और हर काम का अपना तरीका है. आप ये पढ़कर हैरान रह जाएंगे कि यहां रहने वाले किसी भी इंसान को छूना बाहरी लोगों के लिए सख्त मना है.
खुद को सिकंदर के सैनिकों का वंशज कहने वाले मलाणा गांव के लोगों का रहन-सहन, यहां के लोगों की जीवनशैली और यहां के बच्चों को चेहरे की चमक. सबकुछ देखकर आपको लगेगा ही नहीं कि आप हिंदुस्तान में हैं.
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