नई दिल्ली: चीन का बॉर्डर इलाका अब पूरी तरह भारत की जद में होगा. यानी जंग की सूरत में एक घंटे से भी कम वक्त में हमारी सेना पूरे लाव-लश्कर के साथ चीन बॉर्डर पर पहुंच जाएगी. अब अगर चीन ने अरुणाचल में घुसकर गड़बड़ करने की कोशिश की तो उसे हाथों हाथ हमारी सेना का करारा जवाब मिल जाएगा.
ऐसा मुमकिन हुआ है उस पुल के बनने के बाद जिसे हिंदुस्तान का सबसे लंबा और ताकतवर ब्रिज कहा जा रहा है. ये सिर्फ एक पुल नहीं दुश्मन के लिए प्रलय का ऐलान है.वो दुश्मन जो पहाड़ों में छिपकर हिंदुस्तान में नापाक घुसपैठ की कोशिश करता है. वो दुश्मन जो सरहद पर खौफ दिखाकर हमारे सैनिकों पर धौंस जमाने की कोशिश करता है.
वो दुश्मन जो हिंदुस्तान की सरजमी पर अपना नाजायाज हक जताता है. उस दुश्मन को पस्त करने के लिए अब ये पुल पराक्रम की नजीर पेश करेगा. ये हिंदुस्तान का सबसे लंबा पुल है जिसके जरिये अब हमारी सेना सिर्फ एक घंटे में चीन बॉर्डर पर पहुंचकर उसकी दुस्साहस का करारा जवाब दे सकती है.
हमारे भारी भरकम टैंक बड़ी आसानी से इस पुल के रास्ते सरहद पर पहुंचकर चीनी सेना में खलबली मचा सकते हैं. कैसे होगा ये मिशन पूरा. कैसे लगेगी चीन की हरकतों पर लगाम और हिंदुस्तान की सुरक्षा और ताकत के लिहाज से कितना खास है. ये पुल सब बताएंगे आपको पर पहले इस पुल के उद्घाटन की ये तस्वीरें देख लीजिए.
करीब छह साल की मेहनत से बने इस पुल को जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्र के नाम समर्पित किया तो लोगों से तालियां बजाकर और नारे लगाकर पीएम के ऐलान का स्वागत किया. मौका था असम में बीजेपी सरकार की पहली सालगिरह का जिसे प्रधानमंत्री ने देश के विकास और सुरक्षा से जोड़ दिया.