नई दिल्ली: इसकी स्पीड 200 किमी प्रति घंटे है. लेकिन सिर्फ यही वजह नहीं कि इस ट्रेन की तुलना फ्लाइट से हो रही है. जैसे फ्लाइट में एयर होस्टेस को बुलाते हैं. इस ट्रेन में भी ऐसा ही है.
जैसे हवाई जहाज में आपकी सीट के सामने LED स्क्रीन होता है. इस आपको किताब पढ़नी है. मैग्जीन पढ़ना है तो ट्रेन में निऑन लाइट है. जिससे प्रकाश सीधे आपकी मैग्जीन पर आएगा. ऐसा फ्लाइट में होता रहा है.
पहली बार भारत में किसी ट्रेन का गेट फ्लाइट की तरह खुल रहा है और बंद भी हो रहा है. मतलब गेट लॉकिंग सिस्टम सेंसर से ऑपरेट हो रहा है. जैसा मेट्रो में होता है. मतलब ट्रेन के ऊपर से नीचे तक . बोगी से गेट तक से लेकर इंजन से डिब्बे तक. सब फ्लाइट की तरह, हवाई जहाज की तरह.
यानी हिन्दुस्तान की पटरी पर पहली बार हवाई जहाज. यानी पटरी का ऐसा हवाई जहाज जो पटरी पर उतर चुका है. मुंबई से गोवा तक की पहली यात्रा जिसने कर ली है.
पटरी पर दौड़ती तेजस प्रधानमंत्री मोदी के सपनों की उड़ान है. इसका नाम भी उन्होंने ही दिया है तेजसऔर जैसा की इसका नाम है. वैसा ही तेज इसकी यात्रा में भी दिख रहा है. तेजस के आने के बाद ट्रेनों की लेट-लतीफी के दिन लदने वाले हैं.
तेजस की स्पीड राजधानी-शताब्दी को टक्कर दे रही है. ये ट्रेन लखनऊ सहित उत्तर भारत के बड़े शहरों को दिल्ली से जोड़ने वाली है. देश में रेल यात्रियों की जो सबसे बड़ी शिकायत है उसकी नंबरिंग कर दें तो पहले नंबर पर ट्रेनों की लेटलतीफी है.