अब तक आपने सुना होगा, आ बैल मुझे मार है लेकिन कहावत अब थोड़ी बदल गई है. अब हो गया है आ बाघ मुझे खा लो. ऐसा हम क्यों कह रहे हैं, तो मेरे बगल में चल रही तस्वीरों को ध्यान से देखिए. ये शख्स जहां है, वो चिड़ियाघर है और उसके आसपास बाघ हैं.
नई दिल्ली: अब तक आपने सुना होगा, आ बैल मुझे मार है लेकिन कहावत अब थोड़ी बदल गई है. अब हो गया है आ बाघ मुझे खा लो. ऐसा हम क्यों कह रहे हैं, तो मेरे बगल में चल रही तस्वीरों को ध्यान से देखिए. ये शख्स जहां है, वो चिड़ियाघर है और उसके आसपास बाघ हैं.
ये शख्स यहां क्यों पहुंचा. क्या इसकी जान बची या नहीं. इसकी कहानी बड़ी दिलचस्प है. खूंखार बाघ और बेबस इंसान के बीच जिंदगी की जद्दोजहद देखिए.तस्वीरें आपको विचलित कर सकती हैं, लेकिन दिखानी बेहद जरूरी है क्योंकि ऐसा किसी के भी साथ हो सकता है. 1, 2, 3, और ये 4 बाघ और एक अकेला शख्स.
बाघों के बाड़े में ये शख्स कैसे पहुंचा आगे बताएंगे पहले दिल दहला देने वाली ये तस्वीर देखिए. एक बाघ ने इस शख्स की गर्दन जबड़े में पकड़ रखी है. 1, 2 और ये तीसरा बाघ यहां है. सुरक्षा बलों को कुछ नहीं सूझा तो अचानक ताबड़तोड़ गोलियां चलाते हैं. गोलियों की आवाज सुनकर बाघ जबड़े से गर्दन छोड़कर भागता है और बाकी बाघ भी भाग जाते हैं.
आदमी उठकर बैठ जाता है ।पूरी तरह जख्मी हो चुका है. अब तक लगता है कि जान बच जाएगी. सब राहत की सांस लेते हैं तभी अचानक ये क्या हुआ. एक बाघ इधर दौड़ता हुआ है. और दूसरा बाघ सीधे इस जख्मी शख्स के पास पहुंच गया और सीधे जबड़े में गर्दन पकड़ ली.