नई दिल्ली : बात हिटलर के खजाने की है, 70 साल पुराने एक ऐसे खजाने की पहेली बेपर्दा हुई है जो आज से पहले सिर्फ किस्से कहानियों मे ही सुनी जाती थी. पहाड़ों के बीच वो गोल्डन ट्रेन मिल गई है, जिसमें हिटलर ने अपने पाप की कमाई भरी थी.
हिटलर की मौत को तो बरसों बीत गए लेकिन उसका खजाना किसी पहेली से कम नहीं. हिटलर की गोल्डन ट्रेन से 1300 करोड़ के अकूत खजाने के बरामाद होने का दावा किया जा रहा है.
हिटलर की मौत के बाद से नाजी सेना का खजाना पहेली बना हुआ है, कुछ दिनों पहले हिटलर के ऐसे खजाने का खुलासा हुआ था जिसका कोड देशभक्ति गीत मे छुपा है.
खजाने का खुलासा हुआ लेकिन खजाने को लेकर कई सवाल भी हैं. 30 अप्रैल 1945 को हिटलर ने अपनी गर्लफैंड के साथ आत्महत्या कर ली थी. एक बार तो लगा कि हिटलर की मौत के साथ ही खजाने का रहस्य हमेशा के लिये दफ्न हो गया लेकिन शोधकर्ताओं ने हार नहीं मानी. दशकों की मेहनत के बाद हिटलर के खजाने का रहस्य हाथ लगने लगा है.
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